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पीडब्ल्यूडी मंत्री राकेश सिंह का नवाचार गड्ढों की फोटो खीचें जियोटैग्ड करें दूर होगी शिकायत

 

क्वालिटी ऑडिट और समयसीमा पर रहेगा विशेष ध्यान, ये एप करेगी काम

जबलपुर (जयलोक)
समस्याओं को दूर करने के लिए नए तरीके और नवाचार हर सरकारी तंत्र के लिए जरुरी होता है। प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने कल भोपाल में अपने विभाग की समीक्षा के दौरान कुछ नवाचारों के लिए अधिकारीयों के साथ चर्चा की और इनको जल्द से जल्द लागू करने के निर्देश भी दिए । बैठक में ये तय हुआ है कि इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मेनेजमेंट सिस्टम से विभाग की प्रक्रिया को और सुलभ बनाने का कार्य किया जायेगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि विभाग में अच्छा कार्य करने वालों को पुरुस्कृत भी किया जायेगा। आधुनिक भारत के इस दौर में तकनीक के उपयोग से आम जनमानस को रहत पहुंचाने के लिए मंत्री राकेश सिंह ने एक नवाचार करते हुए नई पहल की है। मंत्री श्री सिंह ने बैठक में कहा कि सडक़ों पर व्याप्त गड्ढों की समय से पहचान करने एवं त्वरित सुधार हेतु पॉटहोल (गड्डों) रिपोर्टिंग सिटीजन मोबाइल एप तैयार की जायेगी। इस एप के माध्यम से आम नागरिक अपने मोबाईल से गड्ढों की जियोटेग्ड फोटो खीच कर विभाग को सूचित कर सकेंगे। गड्ढों का फोटो जी.पी.एस. लोकेशन के साथ संबंधित कार्यपालन यंत्री को प्राप्त होगा। नियत समय सीमा में सुधार कर संबंधित यंत्री सुधार कार्य का फोटो पुन: मोबाईल एप से लेंगे।इस प्रकार प्रकरण समाप्त होगा और इसकी सूचना संबंधित नागरिक को भी मिलेगी। राज्य स्तर से शिकायतों की निगरानी एवं निराकरण सुनिश्चित किया जायेगा।मंत्री श्री सिंह ने इस एप को शीघ्र तैयार कर क्रियान्वित करने के निर्देश दिये। श्री सिंह ने कहा कि अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ प्रदेश में गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करें। कार्यों के लिए समयबद्ध कार्य योजना बनाई जाये, क्वालिटी ऑडिट किया जाए।
नई तकनीक से होगा सडक़ों का निर्माण- मंत्री श्री सिंह ने बताया कि विभाग द्वारा नई तकनीक एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमिनेशन) तकनीकी से सडक़ निर्माण कराए जाने की योजना है, जिसके अंतर्गत मौजूदा रोड को बिना हटाए उसके ऊपर ही कई मशीनों के द्वारा रिक्लेमिनेशन सामग्री का उपयोग कर रोड निर्माण किया जाता है। इसमें समय की बचत के साथ ही साथ निर्माण लागत में 15 से 30त्न तक कमी आती है। मंत्री श्री सिंह ने एफडीआर तकनीक का उपयोग शहरी मार्गों पर करने पर विचार करने की बात कही। उन्होंने कहा कि प्रायोगिक तौर पर माइक्रोसर्फेसिंग एवं व्हाईट टॉपिंग हेतु जबलपुर एवं भोपाल में कुछ मार्गों का चयन किया जा सकता है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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