सुपौल। सुपौल के बकौर और मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे पुल के तीन गार्डर आज शुक्रवार सुबह गिर गए। इस हादसे में एक मजदूर की मौत हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि 10 से ज्यादा मजदूरों को निकाल कर अस्पताल भेजा गया है। 4 अभी भी मलबे में दबे हैं। एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू कर रही हैं।
बताया जा रहा है कि पुल का एक हिस्सा कोसी नदी में गिर गया है। हालांकि गार्डर जहां गिरे, वहां पानी नहीं था। गोपालपुरसिरे पंचायत मुखिया के पति सुरेंद्र का कहना है कि हेड मैनेजर को पहले भी कहा गया था कि पुल की क्वालिटी में कमी है। हम इसका विरोध कर रहे थे, लेकिन हमें पुलिस से धमकी दिलाई जा रही थी।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में करोड़ों के पुल गिरना एक परंपरा बन गई है। सरकार घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था, मुआवजा राशि और दोषी कंपनी और अधिकारियों पर कार्रवाई करें।
यह देश का सबसे लंबा पुल बन रहा है, जो केंद्रीय परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की ओर से 1200 करोड़ की लागत से बनाया जा रहा है। इसकी लंबाई 10.2 किलोमीटर से ज्यादा है। एप्रोच रोड मिलाकर पुल की कुल लंबाई 13.3 किलोमीटर होगी। पुल का निर्माण 2023 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना और बाढ़ के कारण पुल निर्माण का समय बढ़ गया।
डीएम कौशल कुमार ने बताया कि 10.2 किमी लंबे निर्माणाधीन पुल का हिस्सा गिरा। जो गार्टर गिरा है उसकी लंबाई 60 मीटर है। घायलों को 1 लाख और मरने वाले के परिवार को 10 लाख मुआवजा दिया जाएगा। सुबह के अटेंडेंस शीट को चेक किया गया है। जितने भी मजदूर मॉर्निंग शिफ्ट में थे, 11 के अलावा सभी कैंप में सुरक्षित है।
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