एम्बुलेंस चालक मेडिकल की बजाए घायल को मेडिजोन अस्पताल ले गया
जबलपुर (जयलोक)। शहर के निजी अस्पतालों द्वारा इलाज के नाम पर लूट खसौट का धंधा इस कदर तक फल फूल रहा है कि अब निजी अस्पताल मरीज की मौत की सूचना पुलिस को देना भी जरूरी नहीं समझ रहे हैं। ऐसा ही कुछ मामला आज शहर के एक निजी अस्पताल में सामने आया। जिसने इलाज के नाम पर फीस वसूलने की लालच में मौत की सूचना भी पुलिस को नहीं दी। उल्टा मृतक के परिजनों से हजारों रूपये वसूल लिए। मामला तब उजागर हुआ जब परिजन शव लेकर वापस अपने जिले पहुँचे तब मृतक के परिजनों को शव के पोस्टमार्टम के लिए परेशान होना पड़ा। जिसके बाद काफी देर तक हंगामें की स्थिति बनी, जिसके बाद पूरा मामला सामने आया।
मामला विजय नगर स्थित मेडिजोन अस्पताल का है। यहाँ के डॉक्टर रोहित चतुर्वेदी ने एम्बुलेंस चालक के साथ मिलकर ऐसी साजिश रची कि युवक की मौत को अस्पताल और एम्बुलेंस चालक ने खिलावाड़ बना दिया। इस मामले में मृतक करन अहिरवार के पिता संतू राम अहिरवार ने बताया कि 9 मई को उनका 17 वर्षीय बेटा करन सडक़ हादसे में घायल हुआ था। जिसके इलाज के लिए वे पहले कटनी पहुँचे। बेटे की हालत देखकर कटनी से उसे जबलपुर मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया। कटनी से एम्बुलेंस द्वारा वे अपने बेटे को जबलपुर मेडिकल कॉलेज लेकर आ रहे थे। लेकिन एम्बुलेंस चालक कमीशन के इस खेल में उनके बेटे को मेडिकल ना ले जाकर विजय नगर स्थित मेडिजोन हॉस्टिपल ले गया। जबकि उसने एम्बुलेंस चालक और डॉक्टरों को साफ कह दिया था कि उसके पास निजी अस्पताल में इलाज के लिए पैसे नहीं हैं। लेकिन फिर भी जबरन उसके बेटे को निजी अस्पताल में भर्ती कर लिया गया और इलाज के नाम पर 60 हजार रूपये की राशि उससे ली गई। इलाज के दौरान उसके बेटे की मौत हो गई। लेकिन मेडिजोन हॉस्पिटल द्वारा इस बात की जानकारी विजय नगर पुलिस को ना देकर शव को वापस अपने घर पवई ले जाने को परिजनों से कहा। जब वे शव लेकर पवई पहुँचे तो पवई थाने की पुलिस ने पीएम कराने से इंकार कर दिया और वापस शव जबलपुर ले जाने को कहा। जिसके बाद आज वे वापस शव लेकर जबलपुर आए और मेडिजोन हॉस्पिटल पहुँचे। लेकिन यहाँ अस्पताल संचालक रोहित चर्तुवेदी के स्वर बदल गए और उन्होंने इस बात से इंकार कर दिया की नाबालिग की मौत उनके अस्पताल में नहीं हुई है। जिसके बाद परिजन भडक़ गए और इसकी सूचना एसपी को दी। एसपी का आदेश मिलते ही विजय नगर पुलिस हरकत में आई और सडक़ हादसे में मृत करन का पीएम कराया गया।
दो थानों की पुलिस से उलझा मामला
एक ओर तो अस्पताल प्रबंधन अपनी गलती मानने से इंकार कर रहा था दूसरी ओर पवई और विजय नगर पुलिस पीएम कराने से इंकार कर रही थी। विजय नगर पुलिस का कहना था कि जब तक अस्पताल द्वारा इस बात के लिए सहमति नहीं दी जाती थी कि मौत उनके हॉस्पिटल में हुई है तब तक पीएम के लिए शव नहीं भेजा जाएगा। इसी बीच इसकी सूचना एसपी आदित्य प्रताप को दी गई जिसके बाद विजय नगर पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए शव को पीएम के लिए भेजा।
मेडिजोन अस्पताल ने ईलाज के नाम पर की लूट
मृतक करन के पिता संतू राम अहिरवार का आरोप है कि एम्बुलेंस चालक और मेडिजोन अस्पताल प्रबंधन ने इलाज के नाम पर उनके साथ लूट की है। एम्बुलेंस चालक कमीशन के चक्कर में घायल को निजी हॉस्पिटल ले गया वहीं निजी हॉस्पिटल मेडिजोन ने इलाज के नाम पर 60 हजार रूपये वसूल लिए। परिजनों ने शिकायत देकर अस्पताल प्रबंधन पर कार्रवाही की माँग की है।
अस्पताल पर हो सकती है कार्रवाही
सीएमएचओ संजय मिश्रा का कहना है कि नाबालिग की मौत की जानकारी मेडिजोन हॉस्पिटल को विजय नगर पुलिस को देनी चाहिए थी। हालांकि इस बात की शिकायत अब तक उनके पास नहीं पहुँची है। शिकायत मिलने के बाद अस्पताल पर कार्रवाही की जाएगी।
इनका कहना है
मेरे पास जानकारी आई थी कि सडक़ हादसे में घायल नाबालिग की मौत विजय नगर स्थित मेडिजोन हॉस्पिटल में हुई है। लेकिन अस्प्ताल वालों ने इसकी सूचना पुलिस को नहीं दी। जो गलत है, मैने मृतक के परिवार वालों से एक लिखित शिकायत देने को कहा है कि जिसके बाद हॉस्पिटल पर कार्रवाही की जाएगी।
डॉ. संजय मिश्रा, सीएमएचओ
जाँच के दौरान पता चला कि सडक़ हादसे में घायल नाबालिग को जब मेडिजोन हॉस्पिटल लाया गया था तब उसकी मौत हो चुकी थी। इसलिए हॉस्पिटल वालों ने शव को वापस पवई भेज दिया। लेकिन हॉस्पिटल को इसकी सूचना देनी थी। आगे की कार्रवाही के लिए सीएमएचओ के द्वारा निर्देश दिए जाएंगे। वहीं शव का आज पीएम कराया गया है।
प्रतिक्षा मार्को, विजय नगर थाना प्रभारी
