@ डॉ. नवीन जोशी
भोपाल (जयलोक)। प्रदेश के कतिपय जिलों में किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचा रहे ब्लेक बक यानि कृष्ण मृग एवं नीलगाय को अन्यत्र शिफ्ट करने की योजना राज्य के वन विभाग ने बनाई है। इसके लिये वन्यप्राणी शाखा ने बजट उपलब्ध कराने की राज्य शासन से मांग की है।
दरअसल, पहले योजना बनाई गई थी कि फसलों को हानि से बचाने के लिये उक्त वन्यप्राणियों का बन्दूक से शिकार करने के नियम सरल किये जायें। परन्तु इसमें अड़चन आने पर अब निर्णय किया गया है कि जहां-जहां ये वन्यप्राणी फसलों को हानि पहुंचा रहे हैं, उन्हें वहां से हटाकर अन्यत्र स्थानांतरित किया जाये। वन्यप्राणी शाखा ने प्रदेश के शाजापुर जिले एवं अन्य उपयुक्त स्थानों से 100 नीलगाय एवं 400 ब्लेक बक के अन्यत्र स्थानांतरण की योजना बनाई जिसके लिये राज्य शासन ने 100 नीलगायों के स्थ्ळाानांतरण की स्वीकृति दे दी है तथा केंद्र से भी अनुसूची एक में शामिल ब्लेक बक के स्थानांतरण की मंजूरी मांगी गई है। केंद्र से मंजूरी मिलने पर संबंधित वनमंडलों के डीएफओ से प्रस्ताव आने पर इन्हें अन्यत्र स्थानांतरित करने की स्वीकृति दी जायेगी और बजट भी उपलब्ध कराया जायेगा।
हेलीकाप्टर से होगा स्थानांतरण
नीलगायों एवं ब्लेक बक का शाजापुर एवं उसके पास के जिलों से बोमा बनाकर हेलीकाप्टर द्वारा स्थानांतरण किया जायेगा। इसके लिये दक्षिण अफ्रीका से आये वन्यप्राणी विशेषज्ञों ने भी सुझाव दिया है। इधर, वन मुख्यालय से वन्यप्राणियों द्वारा किसानों की फसलों को हानि पहुंचाने पर वन विभाग के अंतर्गत ही मुआवजा देने का प्रस्ताव आया था, परन्तु राज्य शासन स्तर पर इसमें टीप दी गई है कि फसल हानि का मुआवजा राजस्व विभाग द्वारा दिया जाता है तथा वहीं से इसका निराकरण होगा, वन विभाग अपने यहां ऐसा प्रावधान नहीं कर सकता है।
