हाइलाइट्स
12 दिसंबर को राज्यसभा में चर्चा होने के बाद ध्वनि मत से इस बिल को पारित किया गया था.
मानसून सत्र में बी इस बिल को पेश किया गया था. हालांकि विपक्ष के सुझाव के बाद इसे संशोधित करने के लिए वापस ले लिया गया था.
नई दिल्लीः लोकसभा और राज्यसभा से पारित होने के बाद मुख्य चुनाव और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति की बिल को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी. शीतकालीन सत्र में इस बिल को संसद के दोनों सदनों से पास कराया गया था. बता दें कि बीते 12 दिसंबर को मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें एवं पदावधि) विधेयक 2023 को ध्वनि मत से मंजूरी दी गई थी. राज्यसभा में बिल पेश करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने चर्चा का जवाब देते हुए कहा था कि अगस्त 2023 में यह विधेयक राज्यसभा में पेश किया गया था और मूल कानून में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति का प्रावधान नहीं था.
उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में एक कानून बनाने का निर्देश दिया था. इसके आधार पर यह विधेयाक लाया गया. वहीं विपक्षी दलों ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा था कि इससे चुनाव की निष्पक्षता प्रभावित हो सकती है. वहीं विपक्ष की आपत्तियों को खारिज करते हुए केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा था कि निर्वाचन आयोग निष्पक्ष है. इस संशोधन विधेयक के बाद भी निष्पक्ष ही रहेगा. उन्होंने कहा था कि इसके लिए सरकार भी प्रतिबद्ध है. यह विधेयक प्रगतिशील है.
इस कानून से पहले अब तक इन पदों पर नियुक्तियों के लिए नाम सरकार तय करती थी. लेकिन अब इसके लिए एक खोज और चयन समिति के गठन का प्रस्ताव विधेयक भी शामिल किया गया है. इस संशोधन विधेयक के मुताबिक, मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य आयुक्तों की नियुक्ति के लिए कैबिनेट सचिव के नेतृत्व में एक सर्च कमेटी बनाई जाएगी, जो कि पांच नामों को भेजेगी. इसके अलावा एक चयन समिति भी बनाई जाएगी. प्रधानमंत्री इस चयन समिति के प्रमुख होंगे. उनके अलावा नेता विपक्ष लोकसभा, या सबसे बड़े राजनीतिक दल के व्यक्ति और कैबिनेट मंत्री भी इसमें होंगे.
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Tags: Draupadi murmu, Modi government
FIRST PUBLISHED : December 29, 2023, 12:32 IST