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शराब के दामों में सिंडीकेट की मनमानी एमआरपी से ज्यादा वसूले जा रहे रूपये

           आबकारी विभाग बेसुध नहीं हो रही कार्रवाई

जबलपुर (जयलोक)
एक महीनें से शराब माफिया दोनों हाथों से मदिरा प्रेमियों को लूट रहा हैं। लाल, सफेद के पऊए में जमकर काला पीला का खेल खेला जा रहा हे। ओवररेटिंग की सुर्खियां लगातार बनने के बाद भी जिला व आबकारी प्रशासन मूक दर्शक बना बैठा है। देशी शराब का 60 रुपए का सफेद पऊआ 80 में और 80 वाला लाल पऊआ 100 रुपए में खुले आम बेचा जा रहा है। शराब सिडींकेट पर किसी का वश नहीं चल रहा हैं। आदेश निदेर्शों को धत्ता बताकर शराब माफिया मनमानी करने में जुटा है। 75 फीसदी दुकानों को नवीनीकरण हो चुका हैं। सबसे ज्यादा खपत देशी शराब की होती है। इसलिए लाल सफेद के पऊए को ढाल बनाकर शराब माफिया लूटने में लगा हैं। आबकारी विभाग बेसुध है। शराब सिडींकेट के बोझ तले दबे आबकारी विभाग की नींद ही नहीं खुल रही हैं। शराब की ओवर रेटिंग का मामला उस समय से चल रहा है जब नवीनीकरण की प्रक्रिया शुरु नहीं हुई थी। मामला आबकारी आयुक्त और कलेक्टर तक पहुँचा था, जिसके बाद आबकारी विभाग के साथ-साथ राजस्व विभाग को भी निर्देश दिए गए थे कि जहां से भी शिकायत मिलती है वहां पर कार्रवाई की जाए। लेकिन अब तक किसी भी दुकान के खिलाफ  ओवर रेटिंग का प्रकरण नहीं बना है। यहां बता दें कि जिला में कुल 43 गु्रप में से 34 गु्रपों का ठेका हो चुका है। 9 गुप का नवीनीकरण बकाया है जिनके टेंडर बुलाए है लेकिन सरकारी रेट से कम आने के कारण मामला फाइनल नहीं हुआ। सूत्रों का कहना है कि शराब सिडींकेट के साथ आबकारी विभाग के आला अफसर रोजाना गलबहियां डाले नजर आते हैं। लिहाजा छोटा स्टाफ शराब दुकानों में कार्रवाई करने में सहमा नजर आ रहा है। सधेबधे अंदाज में काला पीला का खेल चल रहा है। एक खबर तो यह भी है कि  लोकसभा चुनाव नजदीक आ गए हैं सियासी दल चाहें वो सत्ता पक्ष हो या फिर विपक्ष सब अपने-अपने स्वार्थों के कारण इस मामले में कोई दबाव नहीं बना रहे है। माना कि शराब बुरी चीज है इसके अनाप शनाप रेटों पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। लेकिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से एमआरपी से ज्यादा रेट पर बिक्री का मुनाफाखोरी करना भी गैर कानूनी है। इसलिए आबकारी अधिनियम में निर्धारित रेट से अधिक दाम पर बेचने पर दुकानों का लायसेंस एक से तीन दिन तक निलंबित करने का प्रावधान है। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इस संबंध में आबाकरी विभाग का पक्ष जानने के लिए सहायक जिला आबकारी आयुक्त रविन्द्र मानिकपुरी से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन हमेशा की तरह उनका मोबाइल फोन रिसीव नहीं हुआ।
होली में बढ़ती है माँग
शराब के दामों में मनमानी करते हुए सिंडीकेट की होली में चांदी होगी। होली में शराब की मांग बढ़ जाती है। ऐसे में शराब सिंडीकेट मनमाने दामों में शराब बेंचकर अपनी जेबें भरेंगे। वहीं शराब का शौंक करने वालों को अपनी जेबें ढीली करनी पड़ेगी।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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