एजेंसी सतर्क
नई दिल्ली (एजेंसी/जयलोक) आतंकी संगठन अपनी ताकत बढ़ाने और पढ़े-लिखे युवाओं को बहकाकर अपने साथ जोडऩे की हर संभव कोशिश करते हैं। ये आतंकी भारत में भी इस तरह का जाल बिछाकर पढ़े-लिखे नौजवान को अपना निशाना बनाते हैं। पिछले ही दिनों गुहावाटी में आईआईटी के छात्र को आतंकी संगठन आईएस के लिए काम करने के आरोप में पकड़ा था। खुफिया सूत्रों का मानना है कि टेलीग्राम पर सीरिया में बैठे एक ही ग्रुप के लोग इन छात्रों को भडक़ा रहे थे। खुफिया सूत्रों का मानना है माना जा रहा है कि इंजीनियरिंग के छात्रों को ऑनलाइन भडक़ाने के पीछे एक ही संगठन हो सकता है। ऑनलाइन ग्रुप के जरिए भडक़ाए गए छात्रों में जामिया मिलिया इस्लामिया से एमटेक ग्रेजुएट अरशद वारसी और दिल्ली में पिछले अक्टूबर में गिरफ्तार हुए एनआईटी नागपुर से बीटेक करने वाले शहनावाज शामिल हैं। हाल ही में गुवाहाटी से बीटेक ग्रेजुएट हारिस फारूकी को भी गिरफ्तार किया था। ये तीनों दिल्ली, अलीगढ़ और पुणे से जुड़े एक ही गुट के सदस्य थे और हारिस की इन मॉड्यूलों में अगुवाई करने की भूमिका थी। गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने कहा कि हारिस गुप्त चैटिंग एप के जरिए विदेशी हैंडलर के संपर्क में था। उस पर सोशल मीडिया और आमने-सामने मिलकर भोले युवाओं को आतंकी संगठन आईएस में शामिल होने के लिए तैयार करने और उन्हें आतंकी बनाने का भी आरोप था। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पिछले अक्टूबर में शाहनवाज को गिरफ्तार किया था। वह 2017 से जमाल नाम के एक सीरियाई टेलीग्राम अकाउंट के संपर्क में था। जमाल अफगानिस्तान का रहने वाला था, जिसे फरवरी 2018 में तालिबान-आईएस युद्ध में मार दिया गया था। पुलिस ने बताया कि टेलीग्राम और रॉकेट जैसे चैट एप पर ये अकाउंट अलग-अलग लोगों द्वारा चलाए जा रहे थे। फारूकी को 3 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
