डिंडोरी/ जबलपुर जय लोक।
प्रदेश के पूरे राजनीतिक और प्रशासनिक हल्के में एक एसडीएम की हत्या के बाद सनसनी व्याप्त हो गई थी। मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में पदस्थ एसडीएम निशा नापित की हत्या के मामले में पुलिस ने एसडीएम के पति को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया। गिरफ्तार पति मनीष शर्मा इतने अधिक सदमे के नाटकीय घटनाक्रम में है कि वह पहले तो न्यायालय में जाने से पहले ही तबीयत बिगड़ने के कारण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती हो गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे दोबारा न्यायालय के समक्ष पेश किया तो पेशी के दौरान आरोपी कोर्ट के अंदर जज के सामने ही बेहोश होकर गिर पड़ा।
इस बेहद ही चौंकाने और सनसनीखेज कांड ने सभी का ध्यान अपनी और आकर्षित किया था। प्रथम तौर पर इस अंधी हत्या की गुत्थी को सुलझाना पुलिस के लिए एक चुनौती पूर्ण कार्य था। इसी बीच पुलिस ने 24 घंटे के अंदर इस अंधी हत्या को सुलझाने का दावा किया और मृतक एसडीएम निशा नापित के पति को इस हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर लिया।
इसी बीच घटनाक्रम और नाटकीय हुआ आरोपी पति ने कई चौंकाने वाले बातें पुलिस और मीडिया के सामने की, जिसके कारण इस पूरे हत्याकांड और पुलिस की जांच पर कुछ सवाल उठ खड़े हुए हैं। न्यायालय में पेश किए जाने के दौरान भी एसडीएम की हत्या के आरोपी पति मनीष शर्मा ने वहां मौजूद लोगों से यही कहा कि मेरे ही पत्नी तो सोना का अंडा देने वाली मुर्गी थी … मुझे पालने वाली थी, हर महीने 25 हजार रुपए खर्च के लिए देती थी । आरोपी मनीष शर्मा ने यह भी बताया कि अभी हाल ही में उसकी पत्नी ने 10 हजार के जूते दिलवाए थे और कुछ दिन पहले ही ढाई लाख रुपए भी दिए थे। मैं उसे क्यों मारूंगा जबकि वह मुझे पाल रही थी। आरोपी के बयान ने कई सवालों को जन्म दे दिया है। आरोपी का जेल वारंट जारी हो चुका है और उसे जेल भेज दिया गया है। ग्वालियर का रहने वाला मनीष शर्मा पहले भी एक शादी कर चुका है जो सिर्फ 6 महीने तक चली और उसके बाद पहली पत्नी से उसका तलाक हो गया था। उसके बाद मैट्रिमोनियल साइट के माध्यम से वह एसडीएम निशा नापित के संपर्क में आया और खुद को आर्किटेक्ट बढ़कर उसे झांसी में फंसा लिया। प्रारंभिक तौर पर उनकी शादी से परिवार वालों की रजामंदी नहीं थी लेकिन बाद में धीरे-धीरे आना-जाना शुरू होने लगा। घटना का दूसरा पक्ष यह भी है कि आरोपी ने मंडल में रहते हुए भी एसडीम निशा नापित से विवाद किया था जिसके बाद तत्कालीन पुलिस अधीक्षक तक यह मामला पहुंचा था और पुलिस अधीक्षक ने दोनों को बुलाकर समझाइश भी दी थी।