जबलपुर (जयलोक)
मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश रवि विजय कुमार मलिमठ तथा जस्टि विशाल मिश्रा की युगल पीठ ने न्यू लाइफ अस्पताल के अग्रिकांड में 8 लोगों की मौत के मामले में तत्कालीन सीएचएमओ के खिलाफ कार्रवाही में सरकार द्वारा उनकी एक वेतन वृद्धि रोकने को लेकर गंभीर रूख अख्तियार किया है। न्यायालय की ओर से मुख्य सचिव को यह निर्देशित किया है कि वे 8 लोगों की मौत पर सीएचएमओ की एक वेतन वृद्धि रोकने की सजा से संतुष्ट हैं इस संबंध में अलफनामे के साथ जवाब पेश करें। उल्लेखनीय है कि न्यू लाइफ अस्पताल के तीन मंजिला भवन में 1 अगस्त 2022 में आग भडक़ी थी। जिसमें पूरा अस्पताल खाक हो गया था और ईलाज करा रहे 8 मरीजों की मौत हो गई थी। अस्पताल में आपातकालीन द्वार ना होने के कारण लोग बाहर नहीं निकल पाए थे।
लॉ स्टूडेंटस एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विशाल बघेल, शैलेन्द्र बारी एवं अन्य की ओर से दायर याचिका में जबलपुर में नियम विरूद्ध तरीके से प्राइवेट अस्पतालों को संचालित किए जाने की शासन द्वारा दी गई अनुमतियों को लेकर चुनौती दी गई थी। इसी याचिका में न्यू लाइफ अस्पताल में 8 लोगों की मौत को लेकर भी मामला दायर किया गया था। इस याचिका पर न्यू लाइफ अस्पताल में अग्रिकांड में हुई 8 मरीजों की मौत के मामले में सरकार की ओर से हाईकोर्ट के समक्ष एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश की गई। इस रिपोर्ट में सरकार की ओर से बताया गया कि तत्कालीन सीएचएमओ के खिलाफ कार्रवाही करते हुए उनका एक इक्रीमेंट रोका गया है। अस्पताल का निरीक्षण करने वाले डॉक्टरों की टीम के खिलाफ विभागीय जांच लंबित है।