जबलपुर (जयलोक)। राजनीति में कभी भी कोई भी सौदा बिना फायदे का नहीं होता। अभी हाल ही में जिले के राजनीतिक गलियारे में एक बड़ा फेरबदल हुआ है। वैसे तो जबलपुर के कई कांग्रेसियों ने भाजपा का दामन थाम लिया, लेकिन सर्वाधिक असर महापौर और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष का दायित्व संभाल रहे जगत बहादुर सिंह अन्नू के भाजपा में जाने से कांग्रेस को हुआ है। अन्नू के भाजपा में जाने से भाजपा को तीन लाभ प्राप्त हुए। जगत बहादुर सिंह अन्नू महापौर के पद पर भी हैं और अन्नू के जाने के झटके से कांग्रेस नगर संगठन का जो प्रबंधन गड़बड़ा गया उसे दोबारा स्थापित करने में कांग्रेस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और चुनाव में सीधे इसका लाभ भाजपा को मिला। महापौर अन्नू सामाजिक रूप से काफी सक्रिय रहते हैं और नगर के कई सामाजिक संगठनों में उनका अच्छा प्रभाव है। जो मतदाता हर चुनाव में अस्थाई होते हैं और वह सिर्फ अपने प्रभाव क्षेत्र वाले व्यक्तियों के अनुसार ही मतदान करते हैं। महापौर अन्नू से प्रभावित ऐसे मतदाता भी अब सीधे तौर पर कांग्रेस छोड़ भाजपा से जुड़ गए है।
भाजपा हर बूथ पर 370 वोट बढ़ाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है दूसरी और कांग्रेस नए सिरे से बूथ से लेकर वार्ड और हर स्तर पर पदाधिकारियों की नियुक्तियों पर काम कर रही है। जगत बहादुर सिंह के भाजपा में जाने का कांग्रेस को यह बड़ा नुकसान और भाजपा को यह बड़ा फायदा मिला कि कांग्रेस संगठन उस क्षमता के साथ चुनाव मैदान में सक्रिय नहीं हो पाया जैसे कि उसको हो जाना चाहिए था। हालात ऐसे रहे कि जगत बहादुर सिंह अन्नू के कांगे्रस अध्यक्ष का पद छोडऩे के बाद से कांगे्रस का संगठन लावारिस रहा। प्रदेश कांगे्रस ने नए नगर कांगे्रस अध्यक्ष की घोषणा में जरूरत से ज्यादा देर लगा दी। दिनेश यादव को कांगे्रस का उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद सौरभ शर्मा को नगर कांगे्रस का अध्यक्ष घोषित किया गया। कांगे्रस का नगर निगम में पार्षद दल का भी कोई धनीधोरी नहीं है। प्रदेश संगठन ने अभी तक नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा नहीं की है। जगत बहादुर ङ्क्षसह महापौर के पद पर भी आसीन है और उनकी अपनी लोकप्रियता और समर्थकों का बड़ा वर्ग है। ऐसी स्थिति में इन दोनों बातों का फायदा भी भाजपा को मिलेगा। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के अलावा अन्य विधानसभा क्षेत्र में भी महापौर रहते हुए जगत बहादुर सिंह अन्नू ने अपने समर्थकों का एक बड़ा वर्ग तैयार किया है। कैंट, पूर्व, उत्तर मध्य, पनागर, बरगी क्षेत्र में भी अन्नू अपने समर्थकों के साथ कांग्रेस के विरोध में और भाजपा को लाभ पहुँचाते हुए नजर आएंगे।
वर्तमान में कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत कड़ी थे अन्नू
भाजपा संगठन के बारे में यही कहा जाता है कि वह कच्ची गोटियों पर दाँव नहीं लगाता। जबलपुर के राजनीतिक क्षेत्र की तेजी से उभरती प्रतिभा और नेतृत्वशील व्यक्ति जगत बहादुर सिंह अन्नू को भाजपा ने इसलिए हाथों-हाथ शामिल कर लिया क्योंकि वह वर्तमान समय में कांग्रेस के लिए सबसे मजबूत कड़ी थे। प्रभावी विधायकों की हार के बाद अकेले अन्नू ही ऐसे नेता बच्चे थे जो नगर में महापौर रहते हुए और कांग्रेस के नगर अध्यक्ष रहते हुए कांग्रेस की गतिविधियों को साम, दाम, दंड, भेद से संचालित करने में सक्षम थे। भाजपा काफी पहले से महापौर अन्नू को उनके दल में शामिल होने के लिए संपर्क कर रही थी। अन्नू के जाने से भाजपा ने अपना बड़ा फायदा और कांग्रेस का बड़ा नुकसान किया है।
सीएम, प्रदेश अध्यक्ष एवं 9 मंत्रियों की उपस्थिति में ली भाजपा की सदस्यता
भाजपा महापौर अन्नू को अपने खेमे में ले जाने को बड़ी उपलब्धि मानती है और इसलिए महापौर अन्नू को भाजपा के प्रदेश कार्यालय में प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ला, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, कैबिनेट मंत्री राकेश सिंह, प्रहलाद पटेल, कैलाश विजयवर्गीय, संपतिया उइके, सहित 9 कैबिनेट मंत्रियों एवं पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा, संजय पाठक, रमेश मेहदेले तथा भाजपा के जबलपुर के सभी विधायकों की उपस्थिति में भाजपा की सदस्यता ग्रहण करवाई गई थी।
