Download Our App

Follow us

Home » कानून » नगरीय अतिशेष घोषित शासकीय भूमि को छोड़कर शेष राजस्व खसरों में दर्ज “सीलिंग से प्रभावित” या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टि 01 जुलाई 2024 से प्रभावहीन मानी जायेगी…..कलेक्‍टर

नगरीय अतिशेष घोषित शासकीय भूमि को छोड़कर शेष राजस्व खसरों में दर्ज “सीलिंग से प्रभावित” या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टि 01 जुलाई 2024 से प्रभावहीन मानी जायेगी…..कलेक्‍टर

 

कलेक्‍टर दीपक सक्‍सेना की अध्‍यक्षता में सीलिंग भूमि को लेकर बैठक संपन्‍न

जबलपुर जय लोक। कलेक्‍टर श्री दीपक सक्‍सेना की अध्‍यक्षता में आज सीलिंग को लेकर सभी राजस्‍व अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। सीलिंग भूमि की समीक्षा के दौरान पाया गया कि जिले में स्थित विभिन्‍न भूमियों के राजस्व अभिलेख खसरे के कालम 5 में निजी भूमिस्वामियों के नाम दर्ज होने के साथ-साथ कैफियत कालम नं. 12 में “सीलिंग से प्रभावित” या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टि दर्ज है। यह प्रविष्टि जबलपुर विकास प्राधिकरण के स्वामित्व की विभिन्न ग्राम की भूमियां के कई खसरा नंबर भी दर्ज है और कई वैध कालोनियों के खसरा नंबर पर यह प्रविष्टि पाई गई है। ऐसी स्थिति में निजी भूमिस्वामियों को विक्रय और नामांतरण की प्रक्रिया में बेवजह कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही शासन की स्टाम्प शुल्क और रजिस्ट्रेशन की आय भी प्रभावित हो रही है। इसके अतिरिक्त अनेक भूमि जिनको अतिशेष घोषित नहीं किया गया है जो “सीलिंग से प्रभावित” या शहरी सीलिंग भूमि के रूप में दर्ज है। “सीलिंग से प्रभावित” या शहरी सीलिंग भूमि की प्रविष्टि दर्ज होने से त्रुटिसुधार के लिए आमजन अत्यधिक परेशान हैं। नवीनीकरण और फ्री-होल्ड नामांतरण जैसे कार्य प्रभावित हो रहे हैं।

कलेक्‍टर श्री सक्सेना ने कहा कि प्राथमिक तौर पर निजी भूमि स्वामी की कोई गलती नहीं यह राजस्व विभाग की जिम्मेदारी है कि शासकीय भूमियों से संबंधित भू अभिलेख अद्यतन और शुद्ध रखे जावें, यह कदापि न्याय संगत नहीं है कि शासकीय भूमि से संबंधित चंद प्रकरणों में हेरा-फेरी की आशंका के कारण हजारों निजी भूमि स्वामियों को परेशान किया जाये। उन्‍होंने कहा कि राजस्व अभिलेख के कैफियत कालम नं. (12) में दर्ज “सीलिंग से प्रभावित या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टियों के संबंध में आवश्‍यक कार्यवाही की जाये और जिले में नगरीय अतिशेष घोषित शासकीय भूमि को छोड़कर शेष राजस्व खसरों में दर्ज “सीलिंग से प्रभावित” या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टि 01 जुलाई 2024 से प्रभावहीन मानी जायेगी। तदानुसार राजस्व अभिलेखों में समय सीमा में सुधार किये जाने हेतु कार्रवाई किये जाने हेतु निर्देशित किया गया।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » कानून » नगरीय अतिशेष घोषित शासकीय भूमि को छोड़कर शेष राजस्व खसरों में दर्ज “सीलिंग से प्रभावित” या “शहरी सीलिंग भूमि” की प्रविष्टि 01 जुलाई 2024 से प्रभावहीन मानी जायेगी…..कलेक्‍टर
best news portal development company in india

Top Headlines

Live Cricket