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हाजरी घोटाले के खेल में ठेकेदार, अधिकारियों और नेताओं का खेल आ रहा सामने

हाजरी शीट के साथ ही जियो टैग की आधुनिक तकनीक से भी अब सफाई कर्मियों और कार्य की निगरानी

जबलपुर (जयलोक)। नगर निगम की नव निगमायुक्त आईएएस अधिकारी श्रीमती प्रीति यादव के समक्ष भी अब स्वाथ्य विभाग में सफाई कर्मचारियों की हाजरी घोटाले का पूरा खेल खुलकर सामने आ चुका है। इस सम्बन्ध में सख्ती करते हुए हाल ही में आयुक्त ने कुछ सफाई समितियों पर 13 लाख रूपये का जुर्माना भी अधिरोपित किया है।
सफाई कर्मचारियों के हाजिररी के इस घोटाले के खेल के जानकार यह मानते हैं कि 13 लाख रुपए जैसी बड़ी रकम का जुर्माना भी ठेकेदारों के लिए कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि इससे कहीं ज्यादा तो हर महीने घोटालेबाजी कर कमा लिया जाता है। पूर्व नगर निगम आयुक्त स्वप्निल वानखड़े ने भी इन सफाई समितियों के द्वारा किए जा रहे गड़बड़ झाले को पकड़ लिया था और उस दौरान भी इन पर भारी भरकम जुर्माना अधिरोपित किया गया था और इन्हें आर्थिक दंड दिया गया था। इसका असर कुछ दिनों तक ही नजर आया बाद में पूरी सफाई व्यवस्था हाजिरी घोटाले की भेंट चढ़ गई।
निगम आयुक्त प्रीति यादव ने अब इस सफाई व्यवस्था पर सख्ती के साथ नकेल कसने के लिए हाजिरी घोटाले पर लगाम लगाने के लिए कुछ भौतिक और कुछ आधुनिक तरीके अपनाए जाने के निर्देश अधीनस्थ अधिकारियों को दिए हैं। निगम आयुक्त ने लगातार सुबह 5 बजे 6 बजे से शहर के विभिन्न वार्डों का दौरा कर पहले तो मूलभूत समस्या को समझा और सबकी मिली भगत से की जा रही गड़बड़ी को भी पकड़ा। सफाई व्यवस्था चरमराने का सबसे बड़ा कारण यही सामने आ रहा है कि वार्डों में सफाई कर्मचारी केवल कागजों पर हाजिरी लगाने आते हैं और उनसे आधे भी वास्तविक रूप से सफाई कार्य नहीं कर रहे हैं। यह पूरा खेल सफाई ठेकेदार, अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों की मिली भगत से ही हो रहा है। क्योंकि इनमें से एक भी अगर इस घोटाले के लिए तैयार नहीं होगा तो इस प्रकार की गड़बडिय़ां करना संभव ही नहीं है। अब निगमायुक्त ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि जिस वार्ड में सफाई कर्मचारियों को उपस्थिति दर्ज करने का समय दिया गया है उन्हें समय पर सभी का उपस्थित होना जरूरी है और इस बात की जिम्मेदारी सुपरवाइजर स्वास्थ्य अधिकारियों और जोन के अधिकारियों की होगी। अगर 7 बजे सबको उपस्थित होने का समय दिया गया है तो सभी उस वक्त बुलाए जाने पर एक स्थान पर एकत्रित होंगे और उनकी हाजिरी का मौके पर सत्यापन किया जाएगा। हाजिरी रजिस्टर या शीट मौके पर उपलब्ध होनी चाहिए और अटेंडेंस केवल उन्हीं की लगेगी जो वहां उपस्थित रहेंगे। इसके अलावा आयुक्त ने आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए भी सफाई कर्मचारी और सफाई कार्य की मॉनिटरिंग करने के उद्देश्य से बीट के अनुसार सफाई का शेड्यूल तैयार कराया है। इस शेड्यूल को एप के माध्यम से लागू किया जा रहा है। इसके माध्यम से इसी एप में आधुनिक तरीके से सफाई कर्मचारियों की अटेंडेंस लगेगी। बताए गए शेड्यूल के अनुसार जिस कर्मचारी की ड्यूटी है वह मौके पर जाकर अपना कार्य करेगा और अपनी फोटो जियो टैग करेगा, जिससे उसकी लोकेशन, वास्तविक समय और किए गए कार्य की पूर्ण जानकारी ऑनलाइन दर्ज हो जाएगी।
दी जा चुकी है ट्रेनिंग- निगम आयुक्त प्रीति यादव ने जय लोक को बताया कि इसके लिए जरूरी ट्रेनिंग भी दो दिन पहले दी जा चुकी है। इस नए कार्य के बारे में सभी जरूरी लोगों को पूर्ण जानकारी दी गई है और इसके नियमित रूप से प्रक्रिया में आते ही सफाई कर्मचारियों की वास्तविक स्थिति उनके द्वारा किए गए कार्य पर निगरानी रखने का कार्य अधिक प्रभावशील तरीके से किया जा सकेगा।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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