जबलपुर (जय लोक)
हनी ट्रैप का गोरखधंधा अभी भी धड़ल्ले से जारी है। इस गोरखधंधे में एक बड़ी गैंग बनाकर ब्लैकमेलिंग का खेल खेला जा रहा है। इस तरह के ब्लैकमेलिंग के खेल को रोकने के लिए बड़े स्तर पर कार्यवाही की जरूरत भी समझी जा रही है।
विगत दिनों सोनिया नाम की लडक़ी को जबलपुर पुलिस ने हनी ट्रैप से जुड़े मामले में गिरफ्तार किया था। लेकिन हकीकत यह है कि सोनिया मामले की कार्यवाही ऊंट के मुहं में जीरे की तरह है। क्योंकि जबलपुर में ऐसी गैंग सक्रिय हैं जो लड़कियों को बाकायदा जॉब में रखकर लडक़ों और पुरुषों को फंसाती है। इस तरह के अधिकांश मामलों में कभी रिपोर्ट ही नहीं हो पाती है, जहां पीडि़त को फंसाया और फिर प्रताडि़त किया गया हो। जबलपुर में युवाओं और पुरुषों को निशाना बनाने का एक खास तरह का स्कैम चल रहा है। इस स्कैम की शुरुआत सोशल मीडिया के जरिये दोस्ती करके होती है। फिर उसके बाद धीरे धीरे खेल शुरु होता है। फोन पर उकसाकर बात करना और उसे रिकार्ड कर लेना, या फिर वीडियो कालिंग में न्यूड वीडियो बनाकर ब्लैकमेलिंग के जाल में फंसाना, वीडियो आयोडियो वायरल करने से लेकर फर्जी रेप केस से फंसाने तक की धमकी देकर वसूली करने के मामले सामने आ रहे हैं। वहीं कुछ मामलों में ब्लैकमेल करके अपराध की दुनिया में ढकेले की जानकारियां भी आई हैं।
कैसे होता है खेल
मुख्य रूप से इस खेल में पूरी गैंग होती है, जिसमें लडक़ी को सामने किया जाता है। लडक़ी फेसबुक इंस्टाग्राम के जरिये दोस्ती करती है और फिर आगे का खेल शुरु करती है।
बाकायदा फोन पर बात करके लडक़ों को विश्वास में लेती है। जिसके बाद वीडियो कालिंग पर न्यूड वीडियो बना लिये जाते हैं या अशलील आडियो रिकार्डिंग कर ली जाती है। मुझे यह पसंद है, ऐसे बात करो या वो बनकर करो के गेम में लडको को उलझा कर ऐसे बोल बुलवा लिए जाते हैं, जो बातें सामान्य हालात में अपराध समझ आएं। ऐसे वीडियो और आडियो क्लिप हासिल कर लेने के बाद असल खेल और ब्लेकमेलिंग की शुरुआत होती है। फिर इस गिरोह में शामिल कुछ सफेदपोश सामने आते हैं और धंधा कोर्ट कचहरी तक पहुंचने लगता हैं।
अपराधी नहीं है पीड़ित
सायबर विशेषज्ञों का कहना है इस तरह के मामले में अपराधियों की सबसे बड़ी ताकत पीडि़त का बदनाम होने या झूठे केस में फंसने का डर होता है। जानकार कहते हैं कि यदि कोई इस तरह के ट्रैप में किसी वजह से फंस गया है तो वो बुनियादी बात यह याद रखे की क्राइम उसने नहीं किया है क्राईम आपके साथ हुआ है। इसलिये किसी भी स्थिति में ब्लैकमेल नहीं होना है।
लिखित शिकायत दें
जानकार कहते हैं कि अगर किसी वजह से इस तरह के किसी स्कैम में फंस चुके हैं तो पहला काम यह करें कि बिना डरे परिवार के समझदार सदस्य को पूरी बात बताएं। फिर उनको साथ लेकर स्थानीय थाने में जाकर लिखित शिकायत दर्ज कराएं। फिर पुलिस और परिवार के मार्गदर्शन में आगे चलें।