निकम्मे आबकारी पर शराब
सिंडिकेट हावी
जबलपुर (जय लोक)
वैसे तो हर चुनाव में शराब का काला कारोबार करने वाले लोगों की चांदी हो जाती है। लेकिन इस बार शराब सिंडिकेट को निकम्मे आबकारी विभाग ने पूरा लाभ उठाने का अवसर दे दिया है। मार्च में ठेका बदला तो पूरे महीने सिंडिकेट ने 40 रुपए तक प्रति बोतल पर रेट बढ़ाकर बेचा और कोई उसका कुछ नहीं कर पाया। लाखों करोड़ों रुपए की जीएसटी चोरी की गई। शासन को चूना लगाया गया। जमकर काला धन बटोरा गया। सबने इस पर मलाई खाई, लेकिन किसी ने भी कार्यवाही नहीं की। अब 19 अप्रैल को जबलपुर में लोकसभा चुनाव का मतदान होना है।
जिला निर्वाचन अधिकारी ने 48 घंटे का शुष्क दिवस घोषित किया है। इस दौरान 48 घंटे तक शहर की शराब दुकानें और बार बंद रहेंगे। जिला निर्वाचन अधिकारी ने वैसे तो अपने आदेश में आबकारी विभाग को विशेष तौर पर सतर्क रहते हुए मतदाताओं के बीच में प्रलोभन के रूप में बाँटी जाने वाली शराब और गली मोहल्ले में बिकने वाली शराब को पकडऩे का जिम्मा दिया है, लेकिन आज तक आबकारी विभाग सिंंडिकेट के खिलाफ कोई भी प्रभावी कार्यवाही करने के बजाय सिंडिकेट की गुलामी कर रहा है।
अब इन दो दिनों में शहर की गली-मोहल्ले से लेकर गांव की गलियों से लेकर खेतों में अवैध रूप से शराब को स्टॉक करने का काम किया जा रहा है। बहुत से स्थान पर अवैध शराब जमा भी कर ली गई है। लेकिन आबकारी विभाग के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है।
पुलिस का काम बेहतर
विगत दिनों शहर में जितनी भी शराब पकड़ी गई है उसमें से अधिकांश प्रकरण जिला पुलिस ने बनाए हैं। आज भी क्षेत्र में क्राइम ब्रांच और थाना पुलिस के संयुक्त ऑपरेशन में शराब पकड़ी गई है।
पकड़ी गई शराब की कीमत डेढ़ लाख के करीब बताई जा रही है। हालांकि यह बात कहीं जा रही है कि जहां पर सेटिंग काम नहीं कर रही वहां पर थाना पुलिस और क्राइम ब्रांच प्रकरण बनाने का काम कर रही है। लेकिन जैसे भी हो पुलिस आगे होकर शराब के अवैध कारोबार के खिलाफ कुछ तो कार्यवाही कर रही है।
लाखों का होगा अवैध कारोबार
सूत्रों के अनुसार 48 घंटे के शुष्क दिवस में जिले के अंदर लाखों रुपए का अवैध कारोबार अवैध शराब बेचकर आसानी से हो सकेगा। आबकारी विभाग का जबलपुर में कोई प्रमुख अस्तित्व नजर नहीं आ रहा ना ही उनके अधीन कोई बड़ी कार्रवाई हो रही है। गांव देहात में जाकर कच्ची शराब पकडऩे वाले और स्वयं की पीठ थपथपाने वाले आबकारी विभाग को रोजाना शहर में लाखों रुपए का शराब का अवैध कारोबार नजर नहीं आता है।
