जबलपुर (जय लोक)।
आज सुबह से ही मौसम का मिजाज अचानक बिगड़ गया। सुबह से बारिश का दौरा शुरू हुआ। बारिश थम-थम कर हो रही है कभी तेज गति से तो कभी धीमी गति से बारिश का दौर सुबह से ही जारी है। आज बारिश के दौरान ही ओले भी गिरे हैं। अब धूप भी कभी खिल जाती है तो कभी बादल छाने लगते हैं। आज हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से फसलों पर क्या असर पड़ेगा इसका अनुमान लगाना भी अभी बाकी है। अब जब फरवरी माह में गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है तब अचानक बारिश भी हो रही है। बारिश के दौरान बादल भी जमकर गरज रहे हैं।
जम्मू-कश्मीर और पंजाब व पश्चिमी राजस्थान में बने हवाओं के ऊपरी चक्रवात के कारण पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश में बादलों ने फिर आमद दर्ज करा दी है। लिहाजा प्रदेश के कई स्थानों पर तेज बारिश हो रही है। एक बार फिर हवाओं का चक्रवाती घेरा बन गया, जिससे शनिवार की सुबह से आसमान पर हल्के बादल छाए रहे। शाम को फिर बादल छा गए थे जो आज रविवार की सुबह अचानक बरस पड़े। बादलों की आहट से तापमान में गिरावट आई और दिन का तापमान औसात से नीचे आ गया। दिन भर वातावरण शीतल बना रहा।स्थानीय मौसम विज्ञान केन्द्र के प्रवक्ता ने बताया कि उड़ीसा के समुद्री तट और पश्चिमी राजस्थान में हवाओं का चके्रवाती घेरा बन गया है। जिसका असर पूर्वी और पश्चिमी मध्यप्रदेश के ऊपर देखा जा रहा है। ऊपरी हवाओं के चक्रवात के कारण आसमान पर एक बार फिर बादल छाए और सुबह से झमाझम बारिया के साथ ओले गिरे। कुछ स्थानों पर तेज वर्षा तो कहीं बूंंदाबांदी हो रही है। वहीं हवा में नमी घट गई है। मौसम विज्ञान केन्द्र का कहना है कि अगले 24 घंटों के दौरान संभाग के अनेक स्थानों पर आसमान में बादल छाये रहेंगे और बारिश हो सकती है।
तापमान उछला- बारिश के बाद भले ही ठंडक महसूस की जा रही है लेकिन सुबह के तापमान में उछाल दर्ज किया गया। मौसम प्रवक्ता का कहना है कि सुबह का न्यूनतम तामपान 12.8 डिग्री सेल्सियस सामान्य दर्ज किया गया। वहीं न्यूनतम तापमान भी सामान्य के आसपास ही बना हुआ है। हालांकि दिन में चली शीतलहर से ठंडक बनी हुई है। सुबह से शुरू हुई बारिश की बात की जाए तो दोपहर 1 बजे तक घंटे में 25 मीमी वर्षा दर्ज की गई। मौसम प्रवक्ता देवेन्द्र तिवारी का कहना है कि जम्मू-कश्मीर और पंजाब व पश्चिमी राजस्थान में बने हवाओं के ऊपरी चक्रवात का असर कल भी बना रहेगा। 14 से आसमान साफ होना शुरू हो जाएगा। 15 से फिर एक बार ठंड की वापसी होगी और तापमान गिरने के साथ ही दिन और रात में ठंड महसूस की जाएगी।
ये फसलें हुई प्रभावित- बारिश और ओलावृष्टि से चना मसूर के साथ टमाटर भिंडी के पौधे टूट गए। ओलावृष्टि से गेहूं पर आई बाली और फूल चपेट को भी नुकसान पहुँचा।सबसे अधिक नुकसान मसूर की फसल को पहुंचा है। सुबह हुई बारिश से किसान खुश रहा, लेकिन ओलावृष्टि से किसानों के माथे में चिंता की लकीर दिखने लगीं। ओलावृष्टि से कई फसलों को नुकसान पहुँचा है।
