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स्लॉट बुकिंग के बिना नहीं होगी गेहूँ खरीदी,खाद्यान्न माफिया को प्रशासन की चुनौती

4.5 लाख मैट्रिक टन गेहूँ खरीदी का लक्ष्य

ब्लैक लिस्ट हुए गोदामों को मिल सकती है राहत, खराब गेहूँ की नहीं होगी खरीदी

 

जबलपुर (जयलोक)
इस बार जिले में 4.5 लाख मैट्रिक टन से अधिक गेहूँ खरीदी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। एक पत्रकार वार्ता का संबोधित करते हुए जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि इस बार गेहूँ के एक्सपोर्ट पर भी रोक लगी है और शासन ने पुराने समर्थन मूल्य पर 125 रूपये प्रति क्विंटल बोनस देने का भी निर्णय किया है। शासन की मंशा है कि इस बार राशन दुकान के माध्यम से वितरित होने वाला निशुल्क अनाज की मात्रा में गेहूँ की संख्या बढ़ाई जाए। वर्तमान में वितरण प्रणाली के माध्यम से चावल अधिक वितरित हो रहा है। इसलिए शासन की मंशा है कि गेंहूँ का उपार्जन अधिक से अधिक हो। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि बिना स्लॉट बुकिंग के किसी भी हाल में उपार्जन केन्द्र पर पहुँचने वाले किसानों का गेहूँ नहीं खरीदा जाएगा। बिना स्लॉट बुक किए अगर कोई किसान उपार्जन केन्द्र पर पहुँचते हैंं तो गेहूँ नहीं खरीदा जाएगा और बनाए गए नियमों का पालन ना करने की दिशा में उनका पंजीयन भी निरस्त कर दिया जाएगा।
अन्य राज्यों का और दलालों  के गेहूँ पर लगेगी रोक
प्रशासन का पूरा जोर इस बात पर रहेगा कि केवल सही और वास्तविक किसानों का गेहूँ खरीदा जाए। नॉन एफएक्यू अनाज, अन्य राज्यों से आने वाला अनाज और व्यापारियों द्वारा खरीद कर शासन को बेचे जाने वाला अनाज पर रोक लगाई जा सके।
बढ़ाए जा सकते हैं उपार्जन केन्द्र
जिले में 138 उपार्जन केन्द्र पिछले वर्ष भी बनाए गए थे। कलेक्टर श्री सक्सेना ने बताया कि अभी 138 केन्द्रों से उपार्जन की शुरूआत की जाएगी। प्रशासन की तैयारी है कि आवश्यकता अनुसार उपार्जन केन्द्र की संख्या बढ़ाकर 150 से अधिक भी की जा सकती है। ताकि उपार्जन के कार्य में विलंब ना हो और किसानों को परेशानी ना हो। इसके लिए सहकारी समितियों की पात्रता और उन्हें आवश्यकता पडऩे पर ट्रेनिंग देने का काम भी किया जाएगा।
गोदाम की सक्षता अनुसार बुक होंगे स्लॉट
कलेक्टर ने बताया कि पूर्व में यह पाया गया है कि उपार्जन के लिए जिन गोदामों का चयन हुआ था उनकी भंडारण क्षमता से तीन से चार गुना अधिक स्लॉट बुकिंग हो जाती थी। जिसके कारण अव्यवस्था की स्थिति होती थी और माल खुले में रखने की विवश्ता हो जाती थी। इस बार इस परेशानी को समाप्त करते हुए गोदाम की भंडारण क्षमता के अनुसार ही स्लॉट बुकिंग की जाएगी।
ब्लैक लिस्ट गोदामों को मिल सकती है राहत
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने बताया कि धान खरीदी के समय पाई गई गड़बड़ी के बाद 36 गोदामों को ब्लैक लिस्ट किया गया था और इसके पूर्व में भी कुछ गोदामों को अनियमितताएं और खराब आचरण के कारण ब्लैक लिस्ट किया गया था। प्रशासन ने इन गोदामों को अभ्यावेदन प्रस्तुत करने का अवसर प्रदान किया है ताकि इनका पक्ष भी सामने आ सके और जिनकी गलतियाँ क्षमा योग्य हैं उन पर जुर्माने आदि की कार्रवाही कर पुन: एक अवसर प्रदान किया जा सके।
नए नियम से बढ़ी चुनौती
शासन ने हाल ही में यह आदेश निकाला है कि जिन गोदामों में पुराना स्टॉक रखा हुआ है कि वहाँ पर गेहूँ उपार्जन का भंडारण नहीं किया जा सकेगा। इस स्थिति के बाद जिला प्रशासन के पास केवल 66 गोदाम बचते हैं लेकिन इनकी भंडारण क्षमता सवा दो लाख मैट्रिक टन की है। ऐसे में कई अन्य गोदाम की व्यवस्था करना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती रहेगा। कलेक्टर श्री सक्सेना के अनुसार प्रशासन की योजना है कि वे कुछ आधे भरे गोदामों का माल दूसरे गोदामों में स्थानांतरित करवाकर तकरीबन 90 गोदाम गेहूँ उपार्जन के लिए तैयार कर लेंगे।
माल छोडक़र ना जाएं किसान
कलेक्टर ने जिले के किसानों से अपील की है कि वे किसी भी हाल में अपना माल उपार्जन केन्द्रों पर प्रभारी के भरोसे छोडक़र ना जाएं। अपने सामने लेकर माल तुलवाई से लेकर टैग लगने आदि की प्रक्रिया पूरी करवाकर ही जाएं।

 

खाद्यान्न माफिया को प्रशासन की चुनौती
शासन द्वारा खरीद की जाने वाली चाहे रबी की फसल हो या खरीफ की फसल हो इसकी खरीदी प्रकिया में हमेशा से खाद्यान्न माफिया हावी रहा है। नियम कानून कितने भी बन जाएं लेकिन प्रशासनिक तंत्र, व्यापारियों, सहकारी समितियों के साथ सांठगांठ कर खाद्यान्न माफिया किसानों को लूटने और शासन को ठगने का रास्ता निकाल ही लेता है। लेकिन इस बार प्रशासन ने खाद्यान्न माफिया को चुनौती देने की पूरी तैयारी कर ली है। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने दो टूक कहा है कि नॉन एफएक्यू वाला मिलावटी माल, अन्य राज्यों से चोरी से आकर बिकने वाला माल, व्यापारियों द्वारा गलत तरीके से उपार्जन केन्द्र में बेचने वाले माल को रोकने के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। इसके लिए हर उपार्जन केन्द्र पर तीन अधिकारियों को निगरानी के लिए तैनात किया गया है। इन अधिकारियों पर भी निगरानी की व्यवस्था की गई है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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