Download Our App

Home » राजनीति » कम हुआ मतदान : किसका फायदा, किसका नुकसान 12.5 प्रतिशत से लेकर 5.89 प्रतिशत तक पड़ा विधानसभावार कम मतदान का फर्क @परितोष वर्मा

कम हुआ मतदान : किसका फायदा, किसका नुकसान 12.5 प्रतिशत से लेकर 5.89 प्रतिशत तक पड़ा विधानसभावार कम मतदान का फर्क @परितोष वर्मा

2019 में 12,63,573 मत पड़े थे, 2024 में 11,56,843 मत पड़े

परितोष वर्मा
जबलपुर (जयलोक)।  इस बार के लोकसभा चुनाव में मतदान का रुझान और उसका प्रतिशत सभी के लिए चौंकाने वाला है। राजनीतिक विशेषज्ञ भी इस बात का सटीक अंदाजा नहीं लग पा रहे हैं कि जो 9 प्रतिशत के लगभग मतदान वर्ष 2019 लोकसभा चुनाव की अपेक्षा में कम हुआ है वह किसी राजनीतिक दल के पक्ष में है और किसी राजनीतिक दल के नुकसान में है। जबलपुर लोक सभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली आठ विधानसभा में 12.5 प्रतिशत से लेकर 5.89 प्रतिशत तक मतदान कम हुआ है। यह कांग्रेस को नुकसान है या भाजपा को फायदा इस बात का गुणा भाग हर कोई कर रहा है। शासन की खुफिया एजेंसी भी अपने स्तर पर इस कार्य में लगी हुई है ताकि शासन तक भी सही रिपोर्ट जा पाए।
2019 के लोकसभा चुनाव में जबलपुर संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा में मतदान का प्रतिशत अधिक रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में सिहोरा विधानसभा सर्वाधिक 74.86 प्रतिशत मतों के साथ आगे थी। सबसे कम मतदान 2019 में पूर्व विधानसभा क्षेत्र में 62.93 प्रतिशत दर्ज हुआ था।   इस बार 2024 के चुनाव में यही पैटर्न फिर से देखने को मिला है। सिहोरा विधानसभा कम मतदान के बाद भी प्रथम स्थान पर बनी हुई है यहां पर 65.57 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है वही सबसे कम मतदान पूर्व क्षेत्र में 55.54 प्रतिशत दर्ज हुआ है।

इसलिए नीरस रह गया चुनाव-

समान्यत: यही बात हर विशेषज्ञों की जुबान पर है कि इस बार लोकसभा चुनाव में जो माहौल शुरू से बना था उसको देखते हुए भाजपा यह मानकर  चल रही थी कि वह जीत गई है और कांग्रेस यह मान रही थी कि वह हार रही है। इसी मानसिकता ने लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनाव को पूरे जिले में नीरस रखा, चुनाव अभियान शुरू होने से लेकर मतदान तक एक भी दिन इस बात की अनुभूति किसी को नहीं हुई कि लोकसभा जैसा बड़ा चुनाव चल रहा है।
किसके पक्ष में हुआ मतदान-

दोनों ही प्रमुख राजनीतिक दल अब इस बात का अनुमान लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि मतदान का प्रतिशत कम जरूर हुआ है लेकिन मतदान किसके पक्ष में हुआ है और किस दल के समर्थक मतदाता मतदान करने के लिए घरों से नहीं निकले हैं इन सभी बातों का आंकलन किया जा रहा है।
बूथ के आंकड़ों से कर रहे मिलान- दोनों ही राजनीतिक दल के लोग बूथ पर बैठे अपने एजेंट के माध्यम से प्राप्त हुए आंकड़ों का अध्ययन प्रारंभ कर चुके हैं। लोकसभा चुनाव सबसे बड़ा चुनाव है और इसमें एकत्रित होने वाला डाटा भी बहुत बड़े स्तर पर होता है। इन सभी को मिलान करने में तीन-चार दिन का समय लग सकता है। तीन-चार दिन बाद ही आंकड़ों के आधार पर कुछ ठोस अनुमान निकलकर सामने आ सकते हैं।
हर विधानसभा में कम हुआ मतदान
जय लोक टीम ने 2019 के और वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में हुए मतदान के आंकड़ों का परीक्षण किया तो यह स्पष्ट नजर आता है कि इस बार हर विधानसभा में मतदान का प्रतिशत कम रहा है। पाटन विधानसभा में 2019 में 72.07 प्रतिशत मतदान हुआ था 2024 में 59.54 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है यानी कि 12.53 प्रतिशत कम। इसी प्रकार बरगी विधानसभा क्षेत्र में 2019 में 73.02 प्रतिशत मतदान हुआ था और वर्तमान 2024 में 63.11 प्रतिशत मतदान हुआ है जो की 9.91 प्रतिशत कम है।पूर्व विधानसभा में 2019 में 62.93 प्रतिशत मतदान हुआ था वर्तमान 2024 में सबसे कम 55.54 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। पिछले चुनाव की अपेक्षा पूर्व क्षेत्र में 7.39 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। कैंट विधानसभा में 2019 में 68. 67 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था इस बार 2024 में 62. 78 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। यहां पर 6.09 प्रतिशत मतदान काम हुआ है। पश्चिम विधानसभा क्षेत्र में 2019 में 65.24 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था। वर्तमान 2024 में 59.20 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। पश्चिम क्षेत्र में 6.04 प्रतिशत मतदान काम हुआ है। पनागर विधानसभा में 72.81 प्रतिशत मतदान 2019 में दर्ज हुआ था।  इस बार 2024 में 62.85 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। यहां पर 9.96 प्रतिशत मतदान काम हुआ है। सिहोरा विधानसभा में 2019 में सर्वाधिक 74.86 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ था ,इस बार 2024 में भी सर्वाधिक 65.57 प्रतिशत मतदान दर्ज हुआ है। सिहोरा में 9.29 प्रतिशत मतदान कम दर्ज हुआ है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

RELATED LATEST NEWS

Home » राजनीति » कम हुआ मतदान : किसका फायदा, किसका नुकसान 12.5 प्रतिशत से लेकर 5.89 प्रतिशत तक पड़ा विधानसभावार कम मतदान का फर्क @परितोष वर्मा
best news portal development company in india

Top Headlines

अतिक्रमण पर गाल बजाने वाले नेताओं की दोहरी चाल, सबसे ज्यादा नेता ही जप्त सामान फ्री में छुड़वाने बनाते हैं दबाव

डगमगा रहा है अतिक्रमण विभाग का मनोबल जबलपुर (जयलोक)। दिखावे की नेतागिरी क्या-क्या नहीं करवाती है इसका एक बार फिर से

Live Cricket