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क्यों गंगाधर बना शक्तिमान…..अभिनेता मुकेश खन्ना की जय लोक से विशेष चर्चा : आज धर्म सबसे बड़ा व्यापार बन गया

आज धर्म सबसे बड़ा व्यापार बन गया – मुकेश खन्ना 

अभिनेता मुकेश खन्ना ने जयलोक से साक्षात्कार में मानव

मूल्यों और धर्म पर खुलकर विचार व्यक्त किए

जबलपुर (जयलोक)
देश के प्रख्यात जाने-माने हिंदी सिनेमा में अभिनय के सशक्त हस्ताक्षर शक्तिमान से अपनी पहचान स्थापित करने वाले वरिष्ठ कलाकार श्री मुकेश खन्ना का आज संस्कारधानी में अपनी आने वाली फिल्म की शूटिंग के संबंध में आगमन हुआ। इस दौरान जयलोक के संपादक परितोष वर्मा ने अभिनेता मुकेश खन्ना का साक्षात्कार किया। बड़े ही बेबाकी से सरल शब्दों में उन्होंने अपने धर्म, सनातन, मनुष्य जीवन की प्राथमिकता जैसे विषय पर अपने विचार व्यक्त किया। वरिष्ठ अभिनेता मुकेश खन्ना ने कहा कि वे ईश्वर से सीधे साक्षात्कार और संबंध बनाने के लिए योग और ध्यान को सबसे प्रधान कर्म मानते हैं।
उन्होंने जीवन की अमिट पहचान देने वाले धारावाहिक शक्तिमान के मशहूर किरदार शक्तिमान से मानव जीवन के मूल्य और उसके उद्देश्यों को उदाहरण के रूप में समझाते हुए कहा कि इस नाटक श्रृंखला में एक सामान्य सा पुरुष गंगाधर अपने प्रकाश चक्र (कुंडलिनी) को जागृत कर अपनी आत्मा की शक्ति को इतना बढ़ाता है कि उसके पास अलौकिक शक्तियाँ आ जाती हैं और वह ईश्वर से कृपा प्राप्त कर इन शक्तियों का प्रयोग मानव सेवा और मानव जीवन की रक्षा हेतु समर्पित कर देता है।
अभिनेता मुकेश खन्ना कहते हैं कि हमें अपने मानव जीवन के लक्ष्य का निर्धारण करना चाहिए। हम देश के लिए क्या कर रहे हैं सनातन की परंपरा अनुसार गरीबों और उपेक्षित लोगों के लिए हमारा मदद का क्या लक्ष्य है यह सब बातें भी निर्धारित होनी चाहिए। धर्म के क्षेत्र में फैले आडंबर के संबंध में उन्होंने कहा कि वे इसे अलग नजरिए से देखते हैं उनका कहना यह है कि आज आप जादू चमत्कार जैसी चीज दिखाकर लाखों लोगों की भीड़ तो जोड़ सकते हैं लेकिन देश हित में धार्मिक क्षेत्र में अलग-अलग स्तर पर नेतृत्व करने वाले लोग क्या लक्ष्य निर्धारित करके कार्य कर रहे हैं यह बात महत्वपूर्ण है।

ग्रंथों को केवल पढऩा नहीं, आत्मसात भी करना चाहिए
वरिष्ठ अभिनेता मुकेश खन्ना कहते हैं कि मानव मूल्यों को समझने के लिए और सनातन परंपरा का पालन करने के लिए हम केवल धार्मिक ग्रंथो को पढक़र अपना ज्ञान तो बढ़ा सकते हैं लेकिन जब तक हम अपने जीवन में इसे आत्मसात नहीं करेंगे तब तक इसका उद्देश्य पूरा नहीं होगा। हमारा उद्देश्य अच्छा इंसान बनाने का होना चाहिए। अभिनेता मुकेश खन्ना ने कहा कि ज्ञान हमें स्वतंत्रता तो देता है लेकिन उसके उद्देश्य की पूर्ति तब होती है जब हम उसे आत्मसात करें।

हम अच्छे संतों की कमी महसूस कर रहे हैं
अपने साक्षात्कार में मुकेश खन्ना यह भी कहते हैं कि आज भारत देश वह देश है जिसने सबसे ज्यादा संत महात्मा विश्व को दिए। जो सच्चा संत होता है वह इतना अधिक ऊर्जावान और शक्तियों से परिपूर्ण होता है कि वह अपनी तपस्या से कब निकल कर मानव सेवा और मानव हित के कार्य कर जाता है यह किसी की नजर में नहीं आता। वर्तमान में हम सच्चे संतो की कमी महसूस कर रहे हैं। आज धर्म सबसे बड़ा व्यापार बन गया है और धार्मिक आयोजनों में आस्था का व्यापार हो रहा है। मनुष्य योनि मोक्ष प्राप्ति के लिए ईश्वर प्रदान करता है। कोई भी पशु पक्षी मोक्ष नहीं पा सकते ईश्वर केवल मनुष्य योनि को यह उपलब्धि देता है। हमें इसका सकारात्मक उपयोग करना चाहिए। मुकेश खन्ना यह मानते हैं कि हमारे कर्म ही प्रधान हैं और ऐसा नहीं है कि मनुष्य अपने जीवन में बुरे कर्म नहीं करता लेकिन उसे खत्म करने के लिए हमें अच्छे कर्मों की लाइन को और बढ़ाना चाहिए।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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