
जबलपुर (जय लोक)। प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने आज मध्य प्रदेश के कई शराब कारोबारी आबकारी, उपयुक्त सहित 18 ठिकानों पर छापे मारे। यह सारे छापे सुबह योजना बनाकर मारे गए। जबलपुर में भी कुछ शराब कारोबारी और अधिकारियों के घर पर ईडी के छापे की खबर दिन चढऩे के साथ साथ सरगम हुई और चढ़ती चली गई। पत्रकारों के और पुलिस अधिकारियों के फोन लगातार घनघनाते रहे । किसी के पास कोई पुख्ता जानकारी नहीं थी। सोशल मीडिया की रिपोर्टिंग करने वालों ने कॉपी पेस्ट का काम शुरू कर दिया। यहां तक की जिन्होंने कॉपी पेस्ट कर खबर डाली उन्हें भी यह जानकारी नहीं थी कि ईडी ने जबलपुर में कार्यवाही कहां की है ,कार्यवाही की भी है या नहीं की है। कौन सा अधिकारी है या कौन सा शराब कारोबारी है जिसके घर पर एड की टीम पहुंची हो। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भी लगातार इस बात की पुष्टि को लेकर फोन बजाते रहे। लेकिन जबलपुर में ऐसी किसी कार्यवाही की सूचना पुख्ता तौर पर सामने नहीं आई। पुलिस की वरिष्ठ अधिकारियों का भी यही कहना था कि उनके विभाग के पास कोई भी अधिकृत सूचना नहीं आई है। ना ही प्रवर्तन निदेशालय की ओर से पुलिस बल की मांग की गई है।
सामान्य रूप से अगर ईडी की टीम अपने साथ बल लेकर आती है तो भी कार्यवाही के वीडियो फोटो पुलिस विभाग तक पहुंच जाती है। पुलिस के अधिकारियों को सूचना दे दी जाती है। लेकिन ऐसी कोई भी जानकारी सामने नहीं आई है। अफवाह उड़ाने वालों ने कोई कसर नहीं छोड़ी और ग्वारीघाट रोड से लेकर गोरखपुर की कॉलोनी तक के पते ठिकाने अफवाहों के साथ जोडक़र सोशल मीडिया में चला दिए गए। किसी ने आबकारी अधिकारी के घर तक ईडी की टीम को सुबह सुबह पंहुचा दिया, तो किसी ने अधिकारियों को भूमिगत होने तक की जानकरी दे दी। दोपहर होते होते तक स्थिति साफ़ हुई की छापे पड़े जरूर है लेकिन आबकारी विभाग के उपायुक्त भोपाल में पदस्थ आलोक खरे, इंदौर के 18 ठिकानों पर और अन्य स्थानों पर है। जबलपुर के कुछ अधिकारी और ठेकेदारों को जाँच की राडार में शामिल होने की चर्चा है। जबलपुर का नाम आगे आने की एक वजह यह भी बताई जा रही है कि फर्जी चालान कांड के मुख्य आरोपी रहे संजीव दुबे वर्तमान में जबलपुर में है सहायक आबकारी आयुक्त के पद पर पदस्थ है। सुबह से चल रही छापे कि कार्यवाही भी इसी से सम्बंधित है इसलिए यह अफवाह तेजी से फैली।


Author: Jai Lok
