जबलपुर (जयलोक)
लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू के भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो जाने के बाद नगर निगम में भी बड़ा राजनीतिक उलटफेर हो गया है।
महापौर के कांग्रेस में रहने तक नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी विपक्षी दल के रूप में काम करती रही तथा भाजपा के पार्षद दल के नेता कमलेश अग्रवाल नेता प्रतिपक्ष के रूप में काम करते रहे। लेकिन महापौर के भाजपा में जाने के बाद से नगर निगम में अब सत्तारूढ़ पार्टी भाजपा हो गई है। वहीं कांग्रेस अब नगर निगम में विपक्षी दल हो गया है। अब कांग्रेस के पार्षदों का नेता चुना जाना है जो कि नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष की भूमिका निभाएगा। लोकसभा चुनाव के पहले यह उम्मीद थी कि प्रदेश कांग्रेस संगठन नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नाम का ऐलान कर देगा लेकिन ऐसा हो नहीं सका।
अब नगर निगम में आचार संहिता खत्म होने के बाद कामकाज शुरू हो चुका है। वहीं नगर निगम के सदन की बजट बैठक भी निकट भविष्य में आयोजित होने जा रही है। ऐसी सूरत में कांग्रेस पार्षद दल का नेता सदन में होना जरूरी माना जा रहा है। नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ पार्षद अमरीश मिश्रा प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। वहीं कांग्रेस के प्रखर वक्ता के रूप में अपनी पहचान बन चुके पार्षद अयोध्या तिवारी भी नेता प्रतिपक्ष के लिए प्रबल दावेदार हैं। नगर के कांग्रेस के दिग्गज नेता भी इन्हीं दोनों नामों में से किसी एक नाम पर मुहर लगवाना चाहेंगे।
प्रदेश कांग्रेस की ओर से नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। लोकसभा चुनाव के पहले प्रदेश कांग्रेस की ओर से पर्यवेक्षक बनकर आए पूर्व मंत्री डॉ. सुखदेव पांसे ने नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नाम को लेकर भी रायशुमारी की थी और इसकी जानकारी प्रदेश कांग्रेस को सौंप दी थी। अब यह देखना है कि प्रदेश कांग्रेस नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा कब तक करती है।