जबलपुर जय लोक। नवरात्रि के पावन पर्व पर पूरी संस्कारधानी मां भगवती की सेवा के विभिन्न माध्यमों में लीन हो जाती है। मां भगवती के विभिन्न स्वरूपों की आराधना करते हुए हम सब की मंगल कामना करते हैं। इस बीच अगर कुछ ऐसा हो जाए जहां मां भगवती की आराधना और विशेष कर मां काली के स्वरूप जिनकी विशेष पूजन अर्चन विधि विधान का नियम शास्त्रों में उल्लेखित है की अवहेलना होती है तो समाज में इसके खिलाफ विरोध और आक्रोश उत्पन्न होना सामान्य सी बात है। कछपुरा में महाकाली की स्थापना का क्रम चार-पांच साल से शुरू हुआ है।
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लेकिन यहां पर प्रतिमा स्थापित करने वाले लोगों के मन में लालच उत्पन्न हुआ और इन्होंने इस पूरे धार्मिक आयोजन को व्यवसायिक आयोजन में तब्दील कर दिया। इस वर्ष बहुत बड़ी घटना घटित हुई। माता महाकाली की प्रतिमा बीच से टूट गई जो लगभग हर किसी व्यक्ति ने वीडियो में देखा। लेकिन इसके बावजूद भी आयोजन समिति द्वारा तरह-तरह के बहाने बनाकर केवल चंदे और चढ़ावे को चालू रखने की नियत से खंडित प्रतिमा को पुनः सुधार कार्य करवा कर दर्शन चालू करवा दिए गए जो कि नियम और शास्त्रों हिंदू धर्म के अनुरूप नहीं था। दैनिक जय लोक ने इस पूरे प्रकरण को सबसे पहले उजागर किया और इस धार्मिक उन्माद की बात को सभी संबंधित जनों को पहुंचाने का कार्य किया। स्वामी राघव देवाचार्य जी ने इस मामले में मुखर होकर मोर्चा संभाला। विगत दिवस उनके आश्रम में इस कांड के लिए दोषी लोगों की पेशी हुई। इसके साथ ही कांग्रेस के युवा नेता रघु तिवारी ने भी यह घोषणा कर दी थी कि वह 4:30 बजे शाम को यादव कॉलोनी पुलिस चौकी में पहुंचकर धार्मिक आस्थाओं को ठेस पहुंचने के प्रकरण में आयोजन समिति के संजय गुप्ता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवा कर प्रकरण दर्ज करवाएंगे। इस बीच में जो घटनाक्रम घटित हुआ वह आपके सामने प्रस्तुत है। जारी वीडियो के माध्यम से पूरा घटनाक्रम स्पष्ट है कि हिंदू धर्म के एक संत द्वारा दी गई चेतावनी और बताए गए उपाय के पालन में यह निर्णय लिया गया है या फिर पुलिस में शिकायत करने के डर से धार्मिक आस्था को ठेस पहुंचाने वालों ने अपनी गलती को स्वीकार कर भविष्य में इसे न दोहराने और संपूर्ण रूप से सनातन परंपराओं का निर्वहन करने का आश्वासन दिया है।