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क्या नदियों को गोबर नदी में बदलने तक इंतजार करेगा प्रशासन, नर्मदा-गौर-परियट को  कब मिलेगी डेरियों के प्रदूषण से मुक्ति

जबलपुर (जयलोक)। जिले से गुजरने वाली तीन प्रमुख नदियाँ जीवन दायनी मां नर्मदा उनकी सहायक परियट नदी और गौर नदी इन तीनों ही नदियों पर दर्जनों दूध डेरियों के कारण सालों से जारी प्रदूषण रुकने का नाम नहीं ले रहा है। विगत 3 सालों से खमरिया में डेरी स्टेट की योजना पर कार्य किया गया। यहां पर 35 लोगों ने डेरी स्टेट में प्लाट भी लिए हैं। लेकिन आज तक ना तो प्रदूषण नियंत्रण मंडल ना ही जिला प्रशासन ना ही निगम प्रशासन इन प्रदूषण फैला रही दूध डेरियों को खमरिया डेरी स्टेट में स्थानांतरित करने का कार्य कर पाया है।
डॉ. पी जी नाजपांडे, रजत भार्गव, एडवोकेट वेद प्रकाश अधोलिया, टीके राय घटक आदि ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण मंडल की ताजा रिपोर्ट से यह स्पष्ट संकेत मिले हैं कि जबलपुर और आसपास के क्षेत्र में मां नर्मदा नदी के साथ-साथ गौर और परियट नदी में भी प्रदूषण का स्तर बढ़ा है। खमरिया में डेरी स्टेट की योजना 3 साल पहले प्रारंभ हो चुकी थी। लेकिन अभी तक नदियों में प्रदूषण फैलाने वाली इन दूध डेरियों को वहां पर शिफ्ट नहीं किया गया है।

सौंपे गए ज्ञापन

नदियों में लगातार बढ़ रहे दूध डेरियों से निकलने वाले अपशिष्ट गोबर आदि के प्रदूषण को देखते हुए हाल ही में जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह, नेता प्रतिपक्ष अमरीश मिश्रा और गौ संवर्धन बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद महाराज को ज्ञापन सौंपा गया है। ज्ञापन में यह माँग की गई है कि जल्द से जल्द नदियों को सुरक्षित रखने के लिए खमरिया डेरी स्टेट में उनके स्थानांतरण का कार्य तेजी से करवाया जाए।
नर्मदा के सेवकों को भी इस बात का ध्यान रखना चाहिए की नर्मदा में प्रदूषण कम से कम हो ये हमारी जीवन दायिनी नदी है। परियट और गौर नदी भी काफी पुरानी है लेकिन यह प्रदूषण की चपेट में है। एक दौर में तो इन नदियों में प्रदूषण का स्तर इतना अधिक बढ़ गया था कि इन्हें गोबर नदी तक कहा जाने लगा था। अभी भी अगर इन्हें नदियों के आसपास स्थित दूध डेरियों को स्थानांतरित करने का कार्य नहीं किया गया तो जल्दी यही स्थिति दोबारा निर्मित हो जाएगी।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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