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जरूरत पड़ी तो समिति सदस्यों की संपत्ति कुर्क कर चुकाया जाएगा किसानों का पैसा

धान खरीदी में गफलतबाजी करने वालों के खिलाफ कलेक्टर का सख्त रवैया

876 करोड़ की धान खरीदी 853 करोड़ का भुगतान किसानों को हुआ

जबलपुर (जय लोक)। इस वर्ष धान खरीदी को लेकर जिला प्रशासन ने एक नई रणनीति के तहत पूरे इंतजाम किए थे। लेकिन इसके बावजूद भी गफलत करने वाले अपनी हरकतों से बाज नहीं आए और उन्होंने कई समिति और धान खरीदी केंद्रों पर वेयरहाउस में सेटिंग का खेल जमाया और 6 से 7 मेट्रिक टन धान की हेराफेरी कर ही डाली।
धान खरीदी की समाप्ति के बाद जब बुक की गई संख्या और वास्तव में मौजूद धान की गणना की गई तो कई जगह गफलतबाजी का खेल उजागर हुआ है। किसी ने कच्चे कागज में एंट्री की है तो किसी ने पोर्टल में गलत एंट्री चढ़ाई है। इस पूरे खेल को कलेक्टर दीपक सक्सेना बखूबी समझ रहे हैं। उनका कहना है कि शासन के स्पष्ट आदेश हैं कि किसानों के हित में किसी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जहां धान की कमी सामने आएगी उक्त समिति से उस धान की राशि वसूल की जाएगी। आवश्यकता पड़ी तो समिति के सदस्यों की संपत्ति को शासन कुर्क कर उसे नीलाम कर चोरी की गई धान या फर्जीबाड़े से चढ़ाई गई धान की राशि वसूलकर किसानों को अदा करेगा।
कलेक्टर दीपक सक्सेना के अनुसार अभी तक जिले के 51000 से अधिक किसानों से 371000 मेट्रिक टन धान की खरीदी की गई है। गणना में फिलहाल यह 375000 मेट्रिक टन दिख रही है। पोर्टल पर नजर आ रही अतिरिक्त धान वेयरहाउस में कई स्थानों पर नहीं पाई गई है इसके लिए जांच समिति का गठन किया गया है और आने वाले  हफ्ते में पूरी स्थिति स्पष्ट हो जाएगी।
अभी तक जिले में 876 करोड रुपए की धान खरीदी की जा चुकी है जिसमें से 853 करोड रुपए की राशि का भुगतान भी किसानों को कर दिया गया है। शेष बची राशि का भुगतान भी प्रचलन में है। कुछ स्थानों पर गड़बडिय़ां पाई जाने पर समिति के खातों को सीज कर दिया गया है। जांच पूरी होने के उपरांत ही यहां से किसानों के पैसे का भुगतान होगा।

लापरवाही है या जानबूझकर की गई गड़बड़ी हो रही जाँच

जिला प्रशासन इस बात की भी जांच  कर रहा है कि समिति द्वारा की गई धान खरीदी में जो आंकड़ों का फर्क आ रहा है जहां पर अधिक धान दिखाई जा रही है और सत्यापन में वह धान  उपलब्ध नहीं है। ऐसे स्थान पर जांच के दौरान इस बात का भी ध्यान रखा जा रहा है कि यह त्रुटिवश किसी गलती के कारण हुआ है या जानबूझकर किया गया है। कलेक्टर दीपक सक्सेना का साफ कहना है कि अगर यह जानबूझकर की गई गड़बड़ी पाई जाती है तो संबंधित संलिप्त लोगों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही की जाएगी।

मिली भगत और संगामित्ती हो रही उजागर

धान खरीदी को लेकर चल रही जांचों के दौरान कई स्थानों पर यह बात भी खुलकर सामने आई है कि यह खेल केवल समिति के स्तर पर नहीं हुआ है ना ही समिति के ऑपरेटर के दम पर किया गया है बल्कि इसमें कुछ वेयरहाउस के मालिक समिति के पदाधिकारी और कुछ अधिकारियों की संलिप्तता भी पाई जा रही है। किसकी क्या जिम्मेदारी थी और किसने क्या काम किया है इसी आधार पर पूरी जांच चल रही है। कलेक्टर का स्पष्ट कहना है कि इस कार्य में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। वसूली का कार्य इन्हीं दोषी लोगों से किया जाएगा ताकि शासन के ऊपर किसी भी प्रकार का वित्तीय भर ना आए बल्कि जो भी गफलत बाजी करने वाले लोग हैं उनके खिलाफ ही रिकवरी की कार्यवाही की जाए।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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