Download Our App

Home » जीवन शैली » त्याग और समर्पण का दर्शन ही सुदामा चरित्र है-डॉ. इन्दुभवानंद जी

त्याग और समर्पण का दर्शन ही सुदामा चरित्र है-डॉ. इन्दुभवानंद जी

जबलपुर, (जयलोक)।
मित्रता भगवान को जोडऩे का श्रेष्ठ संबंध है श्रीमद् भागवत की दिव्या व्रत में कथा का रस सदन करते हुए छत्तीसगढ़ से परमपूज ज्योतिष पीठाधीश्वर एवं द्वारका शारदा पिता दिवस जगतगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के परमप्रिय शिष्य  से डॉक्टर इंदुभवानंद महाराज ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण के बाल कथा माथे पर ब्रह्म परमात्मा से संबंध जोडऩे के लिए कोई ना कोई संबंध की आवश्यकता होती है सबसे अनेक प्रकार के परमात्मा से संबंधित जीव जोड़ता है किंतु मित्रता का सबसे श्रेष्ठ संबंध माना जाता है इसलिए ओ अभी संबंधों में मित्रता का ही संबंध श्रेष्ठ है इस संबंध के आधार पर ब्रह्म देव सुदामा ने भगवान को प्राप्त किया था    ब्रह्मचारी श्री चैतन्यानंद जी  महाराज आचार्य राजेंद्र प्रसाद शास्त्री   श्याम नारायण चौबे  जतिन राज जय चौबे अजय चौबे आशीष श्री राम नामदेव तुलसी अवस्थी मनोज सेन आदि मौजूद रहे

Jai Lok
Author: Jai Lok

Leave a Comment

RELATED LATEST NEWS

Home » जीवन शैली » त्याग और समर्पण का दर्शन ही सुदामा चरित्र है-डॉ. इन्दुभवानंद जी
best news portal development company in india

Top Headlines

Live Cricket