डीजीपी कैलाश मकवाना ने दिया इस मसले पर ध्यान, जल्द हो सकते है थोक बंद तबादले
जबलपुर (जयलोक)। मध्य प्रदेश शासन के पुलिस मुख्यालय द्वारा 2 दिन पूर्व एक फरमान जारी किया गया है। इस फरमान के अंतर्गत सभी जिलों के पुलिस विभागों को यह निर्देशित किया गया है कि वह एक सप्ताह के अंदर जिले में या इकाइयों के अंतर्गत पदस्थ उप पुलिस अधीक्षक, निरीक्षक और एवं उपनिरीक्षक स्तर के अधिकारियों की पृथक पृथक सूची तैयार कर मुख्यालय में जमा करें।
आदेश में इस बात का भी उल्लेख किया गया है कि इस बात की जानकारी सामने आ रही है कि कई पुलिस अधिकारी 10 वर्ष की अवधि से अधिक से एक ही जिले में पदस्थ हैं। जिसके फल स्वरुप उनके द्वारा निष्पक्ष कार्रवाई करने में कई प्रकार के प्रश्न उठते हैं। इसीलिए हर जिले के पुलिस अधीक्षक और इकाई प्रमुखों को यह निर्देश दिए गए हैं।
आदेश सर्वोच्च प्राथमिकता के आधार पर जारी किया गया है। आदेश की प्रतिलिपि महानिदेशक, लोकायुक्त संगठन, आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ, समस्त जोन और पुलिस मुख्यालय, पुलिस आयुक्त, नगरीय पुलिस भोपाल /इंदौर सामान्य प्रशासन विशेष शाखा, अजाक, महिला सुरक्षा शाखा, साइबर सेल एटीएस एटीएफ नारकोटिक्स, रेडियो, सेनानी, आरएपीटीसी, समस्त जिला पुलिस अधीक्षक रेल ,पीटीएस, पीटीसी आदि सभी को यह आदेश है जारी हुआ है।
विरोधाभास : सिर्फ जिला बल के लोग शामिल या कार्यालय में बैठे लोगों की भी बनेगी सूची
जय लोक ने इस आदेश में एक विरोधाभासी स्थिति तलाशी है। जो अधिकारियों के समक्ष भी उत्पन्न हो गई है। आदेश के साथ जो प्रोफार्मा जानकारी भरकर जमा करने के लिए भेजा गया है उसमें इस बात का उल्लेख नहीं है कि यह आदेश सिर्फ जिला बल व अन्य इकाइयों में पदस्थ लोगों के लिए प्रभावी है या फिर कार्यालय की ड्यूटी कर रहे लोगों पर भी यह आदेश प्रभावी होगा। क्योंकि न सिर्फ जबलपुर बल्कि पूरे प्रदेश में ऐसे कई हजार अधिकारी कर्मचारी हैं जो एक ही कार्यालय में कई वर्षों से पदस्थ हैं। जिनकी पदोन्नति भी वहीं हुई है और नियम कानून को शिथिल करते हुए उन्हें लंबे अरसे से एक ही जगह पर पदस्थ करके रखा गया है।
