नई दिल्ली। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा फिलहाल अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे। यह दायित्व संभाले हुए उन्हे करीब 6 साल हो गए हैं। कई बार नए अध्यक्ष को लेकर चर्चा चली लेकिन कुछ न कुछ अड़चन आने के कारण नड्डा का कार्यकाल बढ़ता रहा है। इस बार भी कहा जा रहा है कि मार्च में भाजपा को जेपी नड्डा का विकल्प मिल पाएगा। इसकी वजह यह है कि भाजपा के संविधान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव से पहले कम से कम आधी राज्य इकाइयों के अध्यक्षों का चुनाव हो जाना चाहिए। वहीं प्रदेश अध्यक्षों के इलेक्शन से पहले जिलाध्यक्ष चुने जाने चाहिए। अब तक कई राज्य ऐसे हैं, जहां जिलाध्यक्ष ही नहीं चुने जा सके हैं और इसके कारण प्रदेश अध्यक्षों का इलेक्शन अटका है। इससे पहले नड्डा लोकसभा चुनाव तक के लिए कायऱ्काल विस्तार मिला था, लेकिन फिर महाराष्ट्र, हरियाणा जैसे राज्यों के चुनाव के कारण नए अध्यक्ष का चुनाव लटक गया। उम्मीद थी कि जनवरी या फरवरी तक भाजपा को नया अध्यक्ष मिल जाएगा, लेकिन यह फिर से टल गया है। फिर इसी के कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव में भी देरी हो रही है। इसकी एक वजह यह भी रही कि भाजपा ने अपने संगठन की पूरी मशीनरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतार दिया था। इसके कारण कई राज्यों में संगठन चुनाव लटक गए।
भाजपा ने अब तक 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में से 11 में ही प्रदेश अध्यक्ष चुने हैं। कई राज्यों में चुनाव जारी हैं और कहीं तो अध्यक्षों को रिपीट ही किया जा रहा है। अब तक आंध्र प्रदेश, बिहार, हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में जिलाध्यक्षों का चुनाव हो चुका है। लेकिन उत्तराखंड, यूपी समेत कई राज्यों में अब भी इलेक्शन अटका हुआ है। भाजपा संगठन के लोगों का कहना है कि राज्यों में ही चुनाव होना फऱवरी या मार्च के शुरुआती दिनों तक संभव है। ऐसे में इसके बाद ही राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।
