जबलपुर (जयलोक)। एनएसयूआई के प्रदेश कार्यालय से जारी हुए एक पोस्टर को लेकर देर रात जमकर हंगामा हुआ। इस मामले में पुलिस ने एनएसयूआई के दो छात्रों को गिरफ्तार किया। जिसको लेकर रात 8 बजे से चला हंगामा रात तीन बजे तक जारी रहा। दरअसल एनएसयूआई के द्वारा रानी दुर्गावर्ती विश्व विद्यालय में आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की माँग को लेकर पोस्टर चिपकाए जा रहे थे। जिसकी शिकायत पर क्राइम ब्रांच के जवानों ने एनएसयूआई के दो छात्रों को रात 8 बजे गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए छात्र अधिवक्ता भी हैं तो उन्हें छुड़ाने के लिए जहां कांग्रेस, एनएसयूआई के लोग सिविल लाइन थाना पहुँचे तो वहीं अधिवक्ता भी अपने साथियों को छुड़ाने के लिए थाने पहुंचे गए। जहां घंटों चले हंगामे और धरने के बाद पुलिस को छात्रों को छोडऩा पड़ा।
बताया जा रहा है कि एनएसयूआई के छात्र रादुविवि में आरएसएस को प्रतिबंध किए जाने के पोस्टर चिपका रहे थे। इसकी शिकायत विवि द्वारा सीसीटीवी फुटेज के साथ सिविल लाइन थाने में की। जिसके बाद रात 8 बजे पुलिस ने छात्रों की पहचान करते हुए एनएसयूआई के अमित मिश्रा, नीलेश महार को गिरफ्तार किया। एनएसयूआई के दो छात्रों की गिरफ्तारी होने से भडक़े एनएसयूआई, कांगे्रस और अधिवक्ता दोनों छात्रों को छोडऩे की माँग को लेकर सिविल लाइन थाने पहुंच गए। लेकिन इस बीच विधायक लखन घनघोरिया भी दोनों छात्रों को रिहा करने की माँग को लेकर सिविल लाइन थाने पहुँचे। लेकिन यहां कोई भी पुलिस अधिकारी इनसे मिलने को तैयार नहीं हुआ जिसके बाद रात एक बजे कांग्रेस कार्यकर्ता, एनएसयूआई के छात्र और अधिवक्ताओं ने थाने में ही धरना दे दिया। करीब दो घंटे चले इस धरने के आगे पुलिस को झुकना पड़ा और रात तीन बजे दोनों छात्र अमित मिश्रा, नीलेश महार को पुलिस को छोडऩा पड़ा। थाने में धरना प्रदर्शन करने वालों में सचिन रजक, विजय रजक के साथ बड़ी संख्या में कांगे्रस और एनएसयूआई कार्यकर्ता शामिल रहे।
आरएसएस का साथ देने का आरोप
इस माले में कांग्रेस नेता विजय रजक ने आरोप लगाया कि रादुविवि प्रबंधन ने आरएसएस का साथ देते हुए जिस गति से पोस्टर चिपकाने के फुटेज पुलिस को सौंपने में तत्परता दिखाई अगर उतनी तत्परता महिला अधिकारी से छेड़छाड़ के मामले में दिखाई होती तो छेड़छाड़ करने वाले जेल में होते।
आरएसएस का साथ देने का आरोप
इस माले में कांग्रेस नेता विजय रजक ने आरोप लगाया कि रादुविवि प्रबंधन ने आरएसएस का साथ देते हुए जिस गति से पोस्टर चिपकाने के फुटेज पुलिस को सौंपने में तत्परता दिखाई अगर उतनी तत्परता महिला अधिकारी से छेड़छाड़ के मामले में दिखाई होती तो छेड़छाड़ करने वाले जेल में होते।
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