जबलपुर (जयलोक) ।जबलपुर में ब्रिटिश शासन की यादों को समेटे हुए कई क्षेत्रों के नामों में बदलाव की चर्चा तेज हो गई है। राइट टाउन, नेपियर टाउन, लार्डगंज और अन्य क्षेत्रों के नामों को बदलने की योजना बनाई जा रही है। महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने इस संबंध में जानकारी दी है कि जल्द ही मेयर इन काउंसिल की बैठक में इस मुद्दे पर प्रस्ताव लाया जाएगा। महापौर ने कहना है कि इन ब्रिटिश काल के नामों को बदलकर महापुरुषों और देवी-देवताओं के नाम रखे जाएंगे। उनका मानना है कि ये नए नाम युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्त्रोत होंगे। उन्होंने कहा, हमारे क्षेत्र के नाम ऐसे होने चाहिए जिन्हें सुनकर, देखकर और बोलकर युवा प्रेरित हों और अपने भविष्य को संवारने में मदद मिले। महापौर के अनुसार जबलपुर में कई ऐसे क्षेत्र हैं जिनके नाम अंग्रेज अधिकारियों पर रखे गए हैं, जिन्हें अब दासता के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है। इनमें नेपियर टाउन, जो एलन बर्टर नेपियर के नाम पर रखा गया था, जो 1912 से 1913 तक डिप्टी कमिश्नर रहे। राइट टाउन, जो आर्थर राइट के नाम से जाना जाता है, जो राजा गोकुल दास के पुतली घर के मैनेजर थे। लार्डगंज, जो लार्ड विलियम बेंटिक के नाम पर है, जो 1833 में जबलपुर आए थे। रसल चौक, जो ईएल रसल के नाम पर रखा गया था, जो कमिश्नर ऑफिस में सुपरिंटेंडेंट थे। बताया जा रहा है कि इन नामों को बदलने की योजना बनाई जा रही है ताकि शहर की पहचान को नया रूप दिया जा सके।
यह नाम बदले जा चुके
जबलपुर में कई स्थानों के नाम पहले ही बदले जा चुके हैं, जिसमें प्रमुख परिवर्तन शामिल हैं। विक्टोरिया अस्पताल का नाम सेठ गोविंददास चिकित्सालय रखा गया है, एल्गिन अस्पताल का नाम रानी दुर्गावती चिकित्सालय में परिवर्तित किया गया है। रसल चौक को अब स्वामी दयानंद चौक कहा जाता है, छोटीलाइन फाटक चौराहा का नाम आद्यशंकराचार्य चौराहा रखा गया है। ग्वारीघाट का नाम गौरीघाट में बदला गया है और ब्लूम चौक का नाम अब राजनारायण गुप्ता मार्ग है। ये परिवर्तन शहर की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम देने का प्रयास हैं।