पहली बार पता कराया जायेगा कि नर्मदा जल
में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व होते हैं
जबलपुर (जयलोक)। शहर के जाने-माने संत भैया जी सरकार जिन्हें दादा गुरु के नाम से भी जाना जाता है वह पूर्णता माँ नर्मदा के लिए समर्पित हैं नर्मदा के प्रति उनका समर्पण इस बात का भी प्रतीक है कि वह 3 साल 7 महीने से सिर्फ नर्मदा जल ही पी रहे हैं नर्मदा जल के अलावा वे कुछ भी ग्रहण नहीं कर रहे हैं सिर्फ नर्मदा के जल पर ही कोई कैसे 3 वर्ष से ज्यादा समय से आश्रित रहकर जीवित रह सकता है इसको लेकर अब पूरे देश में और विदेश में भी चर्चा होने लगी है। लगातार नर्मदा परिक्रमा कर अपने साथ सैकड़ों लोगों को नर्मदा परिक्रमा करने वाले दादा गुरु की ख्याति अब दूर-दूर तक पहुँच चुकी है। प्रदेश सरकार के लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा दादा गुरु पर शोध करने का निर्णय भी लिया है ताकि यह साबित हो सके की नर्मदा जल में ऐसी कौन से पौष्टिक तत्व हैं जो की भोजन का काम करते हैं।
कलेक्टर श्री दीपक सक्सेना ने मदन महल स्थित शिमला हिल्स में दादा गुरू से सौजन्य भेंट की। इस दौरान संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा जारी निदेर्शों पर चर्चा की गई। जिसमें मुख्य रूप से महायोगी दादा गुरू के साधना पर शोध एवं उसकी प्रमाणिकता को विश्व मानस पटल पर प्रमाणिक तौर पर स्थापित करने के संबंध में है। संचालनालय के निर्देशानुसार अधिष्ठाता नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज द्वारा इस कार्य के लिये विशेषज्ञों की एक समिति गठित की गई है। जिसमें अध्यक्ष पूर्व प्राध्यापक, कार्डियोलॉजी एवं पूर्व कुलपति एमपीएमएसयू जबलपुर डॉ. आरएस शर्मा एवं सदस्य सहायक प्राध्यापक मेडिसिन डॉ. प्रशांत पुणेकर, सहायक प्राध्यापक पैथोलॉजी विभाग डॉ. राजेश महोबिया, नर्मदा मिशन के अध्यक्ष श्री नीलेश रावल होंगे।
समिति नियमित रूप से दादा गुरू का पल्स, ब्लड प्रेशन, ईसीजी इत्यादि की जाँच करेगी, आवश्यकतानुसार ब्लड, शुगर, कोलेस्ट्राल, यूरिया, यूरिक एसिड इत्यादि की जाँच करेगी, जरूरत अनुसार अन्य जाँचे जो समिति द्वारा उचित समझी जावे वो भी की जावेगी, समिति जाँच रिपोर्ट 3 सप्ताह उपरांत रजिस्ट्रार मेडिकल कौंसिल को प्रस्तुत करेगी।
सात दिनों तक 24 घंटे निगरानी में रहेंगे
साथ ही यह निर्देश दिया गया कि उपरोक्त कार्य अत्यधिक सावधानी पूर्वक किया जाना है तथा दादा गुरू को 24 घंटे एवं 7 दिनों तक सतत् निगरानी में रखा जाये। उल्लेखनीय है कि दादा गुरू 3 साल 7 माह से अधिक समय तक सिर्फ नर्मदा जल ही ग्रहण कर रहें है। ऐसी स्थिति में संचालनालय लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा द्वारा उनपर शोध करने का निर्णय लिया है कि आखिर नर्मदा जल में ऐसे कौन से तत्व है जिससे कोई व्यक्ति इतने लम्बे समय तक बिना अन्न ग्रहण किये जीवित रह सकते है। कलेक्टर श्री सक्सेना ने भी शोध संबंधी विभिन्न सावधानियों के संबंध में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिये।
नर्मदा भी मेरे लिए माँ के समान है – दादा गुरु
देश की पावन नर्मदा नदी को प्रदूषण मुक्त कराकर उसे माँ के रूप में मानने वाले दादा गुरु का कहना है कि जिस प्रकार नवजात शिशु अपनी माँ का दूध पीकर बड़ा होता है तो उनके लिए भी नर्मदा माँ की तरह है जिसका जल पीकर ही अपना आहार करते हैं।
