6.5 साल से जेल में बंद, केस में ट्रायल तक नहीं शुरू हुआ
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एसआरएस ग्रुप के चेयरमैन अनिल जिंदल को 770 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़े एक मामले में जमानत दे दी। जिंदल के खिलाफ गंभीर घोखाधड़ी जांच दफ्तर की तरफ से जांच की जा रही है। चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने पाया कि अनिल जिंदल पिछले 6.5 साल से जेल में बंद हैं और उनके मामले में अब तक ट्रायल भी नहीं शुरू हुआ। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि जिंदल पर जिन अपराधों के तहत आरोप लगे हैं, वह सभी गंभीर हैं, लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि वह काफी वर्षों से जेल में बंद हैं और मामले में कोई सुनवाई भी नहीं हुई है। बेंच ने कहा कि जिंदल को इस मामले में दोषी पाए जाने पर 10 साल की जेल की सजा हो सकती है। जमानत देने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने जिंदल के लिए सख्त शर्तों का एलान किया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि वह अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट के पास सरेंडर करें और अपना कॉन्टैक्ट नंबर एसएफआईओ को दें, ताकि जांच कर रहे अधिकारी उनके बारे में हर वक्त जानकारी रख सकें। बेंच ने कहा कि जिंदल को अपनी अचल संपत्तियों, बैंक अकाउंट्स (व्यक्तिगत या संयुक्त) की जानकारी भी ट्रायल कोर्ट को देनी होगी। उन्हें यह भी निर्देश दिया गया कि अगर वह नया खाता खोलते हैं तो उन्हें इसकी जानकारी ट्रायल कोर्ट को देनी होगी।
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