जबलपुर (जयलोक)। नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग की मानें तो शहर में सब ठीक है। लेकिन यदि वार्डों में घूमा जाए तो हर दूसरे घर में कोई न कोई बीमार है। हर चौथे घर में एक शहरवासी मच्छरजनित रोग से पीडि़त है। मौसमी बीमारियों का कहर तो था ही, लेकिन मानव निर्मित अधूरे निर्माण कार्यों में पल रहे मच्छरजनित रोग अब शहर को धीरे धीरे महामारी की तरफ ले जा रहे हैं। निजी आकंड़ों के मानें तो बीते 250 दिनों में शहर में एक सैंकड़ा के करीब मच्छर जनित रोगों के मरीज सामने आए हैं। लेकिन सरकारी आंकड़ों में शहर में एक दर्जन सक्रिय मरीज भी नहीं है। स्वास्थ्य अधिकारी कहते हैं कि किसी भी मरीज़ का परीक्षण एमएसी-एलिसा परीक्षण से नहीं किया गया, जिसे डेंगू संक्रमण के लिए पुष्टिकारक परीक्षण माना जाता है। फिलहाल जमीनी स्तर पर स्थिति बिगड़ रही है। यदि गंभीरता दिखाते हुये प्लानिंग विभागों ने जमीन पर काम शुरु नहीं किया तो 2012 और 2018 के हालात बनने में समय नहीं लगेगा। इस संबंध में सीएचएमओ डॉ. संजय मिश्रा का कहना है बुखार होने के कारण अस्पताल में भर्ती होने वाले लगभग सभी मरीज का स्क्रीनिंग डेंगू टेस्ट करवाया जा रहा है। निजी अस्पताल अपने स्तर पर स्क्रीनिंग टेस्ट करवाते है। किसी भी व्यक्ति का मैक-एलिसा टेस्ट नहीं हुआ था। स्क्रीनिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए 80 प्रतिशत नमूने मैक-एलिया टेस्ट में नेगेटिव पाये जाते है। मैक-एलिसा टेस्ट की रिपोर्ट को अधिकृत माना जाता है। अधिकारिक तौर पर डेंगू से एक भी व्यक्ति की मौत दर्ज नहीं हुई है। प्लेटलेटस की समस्या को लेकर, ब्लड बैंकों में लाईन लग रही है। डेंगू पीडितों की प्लेटलेट तेजी से गिरती है, बीते दो दिनों में ही डेंगू के 2 संदिग्ध मरीजों की मौत हुई है।
इलाकों में हो रही फॉगिंग
नगर निगम का कहना है कि उन्होंने बड़े पैमाने पर कीटनाशकों का छिडक़ाव और फॉगिंग अभियान शुरु की है। स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जहां डेंगू के मरीज मिल रहे हैं वहां लार्वा विनिष्टी करण अभियान चलाया जा रहा है। वहीं निगम की स्प्रे मशीनों को भी वार्डों में दौड़ाया जा रहा है।
पिछले चार दिनों में निजी अस्पताल में भर्ती संदिग्ध तीन डेंगू मरीज की मौत का मामला सामने आया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इससे इंकार कर रहा है। स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि स्क्रीनिंग टेस्ट के बाद मैक-एलिसा टेस्ट से डेंगू की पुष्टि होती है। मैक-एलिसा टेस्ट पॉजिटिव आये बिना अधिकारिक तौर पर डेंगू से मौत नहीं मानी जाती है।
क्या हैं डेंगू से बचाव के तरीके
डेंगू से बचाव के लिए गमलों, कूलर, टायर में पानी न जमा होने दें। साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। कूलर में पानी है तो उसमें केरोसिन ऑयल का छिडक़ाव कर दें। पानी की टंकियों को खुला न छोड़ें।