जबलपुर (जयलोक)। गोसलपुर स्थित कटरा में पाँच जून को खदान धंसने से हुई मौतों का मामला अभी सुलझा भी नहीं हैं कि इस मामले में एक और नई बात सामने आ गई है। इस मामले में जप्त की गई रेत रातों रात अचानक बेंच दी गई।
इस खदान से खनिज विभाग ने करीब दस डंपर रेत जप्त की थी। इस रेत को ग्राम कोटवार और ग्राम पंचायत सचिव की सुरक्षा में रखा गया था। इस मामले में ग्रामीणों का आरोप है कि रेत माफिया और राजनैतिक दबाव में इस जप्त रेत को बेच दिया गया है।
रातों रात यहाँ से जप्त रेत को बेंच दिया गया और इस रकम का बंदरबांट किया गया है। इस बात की भनक किसी भी अधिकारी को नहीं लगी।जबकि ग्रामीणों का कहना है कि क्षेत्र में रेत माफिया द्वारा अभी भी दिन दहाड़े रेत का अवैध खेल चल रहा है।
कौन है जिम्मेदार
इस मामले में बाल्मिक समाज के लोगों ने एक स्थानीय नेता का नाम रेत के अवैध खनन में लगाया है। उनका आरोप है कि स्थानीय नेता के इशारे पर ही जप्त रेत को बेचा गया है। जिसमें शासकीय अधिकारी कर्मचारी भी मिले हुए हैं। यहीं वजह है कि अब तक इस मामले में ना तो कोई जाँच की गई और ना ही अधिकारी इस मामले में कोई जानकारी दे रहे है। बाल्मिक समाज के लोगों ने इस बात पर आपत्ति उठाई थी कि भाजपा के मंडल अध्यक्ष अकित तिवारी का नाम एफआईआर में आने के बाद जाँच के नाम पर उसे हटा देने की साजिश की गई है। वहीं भाजपा नेता अंकित तिवारी ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों का खंडन किया है। इस मामले में एसडीएम रुपेश सिंघई का कहना है कि मुझे कोई जानकारी नहीं है।