जबलपुर (जयलोक)। हाईकोर्ट ने कलेक्टरों से वसूली के आदेश पर रोक लगा दी है। मामला जबलपुर निवासी शशि पांडे की उस जमीन का है जिसमें जमीन के बदले मुआवजा भुगतान दस हजार रूपये प्रतिमाह करने के आदेश हाईकोर्ट की एकलपीठ ने दिए थे। न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा और न्यायमूर्ति विनय सराफ की युगलपीठ ने उस आदेश पर भी रोक लगा दी जिसके तहत उक्त राशि का भुगतान पूर्व में पदस्थ रहे कलेक्टरों से वसूल करके भुगतान करने कहा गया था। इसके अलावा कलेक्टर के विरूद्ध अवमानना व 20 हजार रूपये जुर्माने के आदेश पर भी रोक लगा दी है। जलबपुर निवासी शशि पांडे ने याचिका दायर कर कहा था कि सरकार ने पांच फरवरी 1988 को उसकी अधारताल बायपास से लगी 29 हजार 150 वर्गफुट जमीन ले ली थी। जमीन के बदले याचिकाकर्ता को मुआवजा नहीं दिया और इतने वर्षों में अधिग्रहण की कार्रवाही भी नहीं की गई। याचिकाकर्ता द्वारा 2016 में फिर से मुआवजे की मांग की गई। हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान पाया कि याचिकाकर्ता ने ऐसी कोई सामग्री रिकार्ड पेश नहीं किया जिससे यह पता लगाया जा सके कि मुआवजे का आंकलन किस प्रकार किया जाना है। उन्होंने एकलपीठ द्वारा कलेक्टर के विरूद्ध अवमानना और जर्माने की कार्रवाही को भी गलत बताते हुए रोक लगा दिया।