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गुमशुदा को तलाशना है तो अपने खर्चे पर लेकर जाओ पुलिस कर्मी…चौकी प्रभारी का फरमान…कोलकाता से पीडि़त ने लगाया जबलपुर एसपी को फोन

एसपी ने दिखाई संवेदनशीलता तत्काल हरकत में आई पुलिस

जबलपुर (जय लोक)। जिस तरह एक गन्दी मछली पूरे तालाब को खऱाब का देती है उस ही प्रकार पुलिस कर्मी अपने व्यवहार और आचरण के कारण पुलिस विभाग की छवि को धूमिल करने की कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। वो तो अच्छा है पुलिस विभाग के कप्तान संवेदनशील हैं वरना गरीब पीडि़तों का कोई धनि धोरी नहीं होता। इसी क्रम में एक नाम जबलपुर जिले के गोरखपुर थाना अंतर्गत आने वाली रामपुर चौकी में प्रभारी के रूप में पदस्थ प्रभाकर सिंह का जुड़ गया है। प्रभाकर सिंह पिछले कई दिनों से अपने आचरण और असामाजिक तत्वों से सांठ गांठ के आरोपों को झेल रहे हैं अब हाल ही में उनके ऊपर एक और पीडि़त परिवार से बदतमीजी और अनैतिक बातें करने के आरोप लगे हैं। यहाँ तक की चौकी प्रभारी ने गुमशुदा की तलाश करने के लिए पुलिस कर्मी भेजने के लिए रुपयों की माँग तक कर दी। इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से भी की गई है।
मामले के सम्बन्ध में रामपुर छाप्पर में रहने वाले पीडि़त यादव परिवार ने बताया कि उनके घर से उनकी 29 वर्षीय बहु अपने डेढ़ साल के बेटे को लेकर कहीं लापता हो गई है, जिसको नाते रिश्तेदारी में काफी तलाश किया पता नहीं चलने पर वो गुमशुदा की रिपोर्ट दर्ज करवाने रामपुर चौकी पहुंचे तो पहले तो रिपोर्ट लिखने से मन कर दिया गया और चौकी प्रभारी प्रभाकर सिंह द्वारा अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि वो अपने प्रेमी के साथ भाग गई होगी उनके द्वारा और भी आपत्तिजनक बातें कही गईं। फिर 24 घंटे बाद आने का बोलकर परिजनों को वापस भेज दिया गया। विवाहिता के लापता होने के दो दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कि गई।  इसी बीच परिजनों को यह जानकारी मिली की उनकी बहू कलकता में हो सकती है। उनका मोबाइल वहीं से एक्टिव होने की जानकारी सामने आई है। पुलिस को पता लगाने को बोला तो और यह सूचना जब चौकी प्रभारी को दी गई तो उन्होंने पहले तो साफ़  तौर पर किसी भी पुलिसकर्मी को भेजने से इनकार कर दिया। चौकी प्रभारी प्रभाकर सिंह ने कहा की तुम लोगों को इसके लिए पैसे खर्च करने होंगे और अपने खर्चे पर पुलिसवालों को लेकर जाना होगा। पीडि़त परिवार ने कहा कि चौकी प्रभारी नेे किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया। जिसके कारण पुलिस द्वारा सहयोग नहीं किये जाने कारण बहु और पोते के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पा रही थी और परिवार दर- दर भटक रहा था।
चौकी प्रभारी ने पीडि़त परिवार को कलकत्ता जाकर खुद ही पता करने के लिए कहा और वहां के थाने में जाकर बता देना हम यहां से पुलिस वाले नहीं भेज पाएंगे। इसके बाद पीडि़त परिवार कोलकाता के दिलजला पुलिस स्टेशन पहुंचा। यहां उन्हें जबलपुर पुलिस के साथ नहीं होने के कारण किसी प्रकार का सहयोग नहीं मिला। परेशान पीडि़त परिवार ने कोलकाता से ही जबलपुर के पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह को फोन लगाकर अपनी पीड़ा बताई और किए गए दुव्र्यवहार की भी जानकारी दी। पुलिस अधीक्षक ने संवेदनशीलता के साथ पूरे मामले को सुना और तत्काल गोरखपुर थाना प्रभारी को इस मामले में पीडि़त परिवार की मदद कर गुमशुदा विवाहित और बच्चे को बरामद करने की लिए हर संभव सहायता करने के निर्देश दिए। कप्तान से निर्देश मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई और थाना प्रभारी गोरखपुर ने चौकी प्रभारी को पीडि़त परिवार की मदद करने के लिए निर्देशित किया। पुलिस अधीक्षक की संवेदनशीलता का परिणाम यह हुआ दोपहर बाद कोलकाता पुलिस भी हरकत में आई परिवार गुमशुदा विवाहित और डेढ़ साल के बच्चे तक पहुंच गया, अब इन्हें वापस जबलपुर लाने की प्रक्रिया पूर्ण की जा रही है।
    इनका कहना है


पीडि़त परिवार की मदद करने के लिए थाना प्रभारी गोरखपुर को निर्देशित किया गया था। जरूरत पडऩे पर कोलकाता पुलिस के अधिकारियों से चर्चा कर तत्काल पीडि़त परिवार को सहायता उपलब्ध कराने के लिए कहा गया था। प्रकरण से संबंधित जो शिकायत है सामने आई है उनकी जांच करवाई जाएगी और उसके अनुसार उचित कार्यवाही की जाएगी।
                                                                                                          आदित्य प्रताप सिंह, पुलिस अधीक्षक, जबलपु

Jai Lok
Author: Jai Lok

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