जबलपुर (जयलोक)
ईडी की जाँच में फंसे लालू प्रसाद यादव जब रेल मंत्री रहे तब उनके कार्यकाल में जबलपुर में भी रेलवे के मुख्यालय में कुछ लोगों को नौकरियाँ मिली थीं। पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव वर्ष 2004 से लेकर 2009 तक रेल मंत्री रहे। इस दौरान उनके कार्यकाल में रेलवे में भर्ती को लेकर घोटाले भी उजागर हुए हैं। ईडी ने लालू प्रसाद यादव को और उनके परिवार के लोगों के साथ ही कुल 17 लोगों को जांच के दायरे में लिया हुआ है। ईडी ने यह आरोप लगाया है कि लालू प्रसाद यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान कई ऐसे लोगों को नौकरियाँ दिलवाई जिनसे उनकी जमीनें भी नौकरी के बदले ले ली गईं। ईडी ने कल दिल्ली में अपने कार्यालय में लालू प्रसाद यादव से लगातार 9 घंटे तक पूछताछ की है। ईडी ने पूर्व रेलवे मंत्री लालू यादव के विरुद्ध घपलों की फेहरिस्त तैयार की है उनमें पूर्व में भी यह बात चर्चा में आ चुकी है कि रेलवे के मुख्यालयों में लालू प्रसाद यादव ने जमीन लेकर लोगों को नौकरियाँ दिलवाई थीं। रेलवे के जबलपुर मुख्यालय में भी कुछ लोगों को लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान नौकरियाँ मिली थीं। अब जब ईडी की जाँच का दायरा बढ़ता जा रहा है तब यह निश्चित है कि ईडी की जाँच का रुख अब जबलपुर के रेलवे मुख्यालय की ओर भी मुड़ सकता है और ईडी के दल जबलपुर रेलवे मुख्यालय में जाँच के लिए भविष्य में आ भी सकते हैं। जबलपुर में रेलवे मुख्यालय में जिन लोगों को नौकरी लालू प्रसाद यादव की मेहरबानी से मिली उन लोगों ने अपनी जमीन लालू प्रसाद यादव के परिवार जनों द्वारा संचालित एक के इन्फो सिस्टम कंपनी के नाम कर दी थीं। अब लालू प्रसाद यादव के बाद उनके परिजनों से भी पूछताछ होना बाकी रह गई है। पूछताछ की पूरी कार्यवाही होने के बाद ईडी की जाँच का दायरा बढ़ सकता है और ईडी के दल रेलवे के मुख्यालयों में भी दस्तक दे सकते हैं। जिनमें जबलपुर का रेलवे मुख्यालय भी शामिल है।