
जबलपुर (जय लोक)। ट्रासंपोर्ट नगर चण्डालभाटा में मिलीभगत से हुई गफलतबाजी एक एक करके सामने आ रही है। नगर निगम के अधिकारी द्वारा ट्रासंपोर्ट नगर चण्डालभाटा के लगभग 50 भूखण्डधारियों के टैक्स विवरणी में पूर्व से दर्ज किरायेदारी को हटाते हुये मध्यप्रदेश शासन तथा नगर निगम के राजस्व को लाखों रूपये की क्षति पहुंचाई है। यह शिकायत म.प्र. शासन के नगरीय प्रशसन के प्रमुख सचिव के पास भी पहुंचीं थी। जिसके बाद आयुक्त को निर्देश मिलने के बाद अपर आयुक्त अंजू सिंह को इस मामले की जाँच दी गई है। वहीं अब यह मामला ईओडब्लू भी पहुंच चूका है। गौरतलब है कि आयुक्त नगर निगम जबलपुर के निर्देशानुसार जांच दल द्वारा मौका निरीक्षण एवं पंचनामा बनाकर उपरोक्त लगभग 50 भूखण्डों में किरायेदारी दर्ज की गई थी जिसमें नगर निगम के नियमानुसार भूखण्डधारी / भूमि स्वामी को स्वयं ही अपनी संपत्ति में काबिज किरायेदार की घोषणा करते हुये टैक्स रिकार्ड में किरायेदारी दर्ज कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया था जिसमें जांच दल द्वारा किरायेदारी पाकर दर्ज भी की गई थी जिसमें पाँच गुना पेनाल्टी सहित किरायेदारी पाये जाने पर राजस्व वसूली किये जाने का प्रावधान है।
उपरोक्त संदर्भ में नगर निगम अधिकारियों के द्वारा भूखण्डधारियों को अनैतिक लाभ पहुंचाने की नियत से तथा शासन एवं नगर निगम को मिलने वाले राजस्व की क्षति पहुंचाते हुये नीति विरूद्ध तरीके से दर्ज किरायेदारी हटाने का काम करते हुये अपने पद का पूर्णत: दुरूपयोग किया गया है, जबकि शिकायतकर्ता द्वारा लगभग एक माह पूर्व ही ट्रांसपोर्ट नगर के अनेकों भूखण्डों की संपत्ति कर विवरणी की सत्यप्रतिलिपि प्राप्त की गई थी। जिसमें किरायेदारी दर्ज पाई गई थी। शिकायत में कहा गया है कि नगर निगम उपायुक्त (राजस्व) द्वारा स्वयं का प्रापर्टी पासवर्ड खोलकर सेल्फ ऑक्यूपाइड दर्ज कर दिया गया जिसकी प्रति भी मूल शिकायत के साथ संलग्न की गई, जबकि किरायेदारी अगल करने के लिये किसी भी वरिष्ठ अधिकारी से अनुमति नहीं ली गई। वर्तमान में इन सभी भूखण्डों में आज भी किरायेदारी चल रही है।
जबकि नियमानुसार ट्रांसपोर्ट नगर चण्डालभाटा के भूखण्डों में किरायेदारी पाये जाने पर लीज अनुबंध की कंडिका क्रमांक 9 का उल्लघंन होता है, जिसमें पुन: लीज की कंडिका क्रमांक 11 के अंतर्गत स्वमेव निरस्तीकरण का प्रावधान भी उल्लेखित है। इसके बावजूद भी उपरोक्त संदर्भ में संबंधित अधिकारी द्वारा लीज में उल्लेखित शर्तों का पालन न करते हुये वैधानिक कार्यवाही किये बिना किरायेदारी हटाते हुये अपात्र लीजधारी / भूखण्डधारियों की टैक्स विवरणी से दर्ज किरायेदारी हटाकर अपने पद का दुरूपयोग भी किया है जिसके लिये विभागीय जांच भी न्यायहित में आवश्यक है। ईओडब्लू एसपी ने इस मामले को संज्ञान में लिया है।


Author: Jai Lok
