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तीन सौ करोड़ की लागत से माँ नर्मदा की कृपा से तैयार होगा सरयू जैसा तट दो साल में खारीघाट, दरोगा घाट, ग्वारीघाट, उमा घाट, सिद्धघाट एवं जिलहरीघाट होंगे एक

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राकेश सिंह की माँग पर की थी घोषणा,  एमपीआरडीसी करेगी निर्माण

जबलपुर (जयलोक)। जबलपुर के लिए जीवनदायनी नर्मदा के तटों को अब अयोध्या की सरयू नदी के तटों की तरह सुंदर तथा सुव्यवस्थित रूप दिया जाएगा। लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने आज एक पत्रकारवार्ता में नर्मदा घाटों के विकास को लेकर जानकारी देते हुए बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनके आग्रह पर इस बड़े प्रोजेक्ट की घोषणा की थी। अनुमानित तीन सौ करोड़ की लागत से नर्मदा के जिलहरी घाट से लेकर खारीघाट तक के 6 तटों को एक साथ मिलाकर एक पथ बनाया जाएगा। सरयू नदी की तर्ज पर बनने वाला यह पथ माँ नर्मदा के घाटों में देश का पहला घाट होगा। मंत्री श्री सिंह ने कहा कि माँ नर्मदा के आशीर्वाद और उनकी प्रेरणा से ही यह प्रयास अब स्वरूप लेने जा रहा है। इस कार्य के लिए पूर्व में 8 प्रारूप तैयार किए गए थे जिन्हें नामंजूर किया गया अब 9वां प्रारूप बनाया गया है जिसमें भी विस्तार होना संभावित है।
श्री सिंह ने बताया वर्तमान घाट क्षेत्र अत्यधिक भीड़भाड़ वाला है, जिससे श्रद्धालुओं को आने-जाने में कठिनाई होती है। यातायात अवरूद्ध होता है सकरी सडक़ों के कारण आवागमन प्रभावित होता है। माँ नर्मदा में किसी ना किसी वजह से विसर्जन सामग्री या अन्य प्रकार की गंदगी समाहित होती है जिसे रोकना और माँ नर्मदा के आंचल पर स्थित घाटों का सुव्यवस्थित विकास अत्यावश्यक है।
6 घाटों को एक साथ  जोड़ा जाएगा, अगले चरण में और घाट जुड़ेंगे
श्री सिंह ने बताया घाटों के विकास के पहले चरण में खारीघाट, दरोगा घाट, ग्वारीघाट, उमा घाट, सिद्धघाट एवं जिलहरीघाट को जोडक़र सरयू के घाटों की तर्ज पर एकरूपता प्रदान की जाएंगी। श्री सिंह ने बताया कि खारी घाट तक का कार्य पूरा हो जाने के बाद अगले चरण में तिलवारा घाट तक नर्मदा के तट को भी आगे चलकर विकसित किया जाएगा।

खारी विजर्सन, मुंडन संस्कार, दीपदान एवं स्नान की होगी अलग अलग व्यवस्था

लोक निर्माण मंत्री ने बताया कि नर्मदा में खारी विसर्जन, मुंडन संस्कार, दीपदान एवं स्नान के लिए इस पूरी योजना में पृथक से प्रावधान रखे गए हैं साथ ही श्रद्धालुओं को कपड़े बदलने के लिए कई स्थानों पर चेंजिंग रूप की सुविधा भी मिलेगी। खारी घाट में जलकुंड बनाया जाएगा। खारी घाट मार्ग की ओर से खारी घाट पर उतरने वाले श्रद्धालुओं के लिए व्यवस्थित सीढिय़ाँ बनायीं जाएंगी। वर्तमान अस्थायी दुकानों के स्थान पर सुव्यवस्थित स्थायी दुकानें बनायी जाएंगी, जिनका क्षेत्रफल पहले वाली दुकानों से अधिक होगा।  सीढिय़ों से नीचे उतरते ही चेंजिंग रूम, तीर्थ पुरोहितों के बैठने की व्यवस्था और मुंडन स्थल बनाया जाएगा, साथ ही अलग अलग दो स्थाना ेंपर नाव घाट भी बनाया जाएगा।

एक स्थान पर व्यवस्थित स्थापित होंगे सभी मंदिर

श्री सिंह ने बताया यहाँ पर स्थित प्राचीन मंदिर को यथावत रखते हुए घाटों का विकास किया जाएगा। इन अलग अलग घाटों पर जहां जहां मंदिर बिखरे हुए हैं उन्हें एक स्थान पर विधि विधान से व्यवस्थित रूप से स्थापित किया जाएगा। इसके साथ ही नाव घाट भी बनाया जाएगा। घाट की दीवारों पर आर्टवर्क एवं म्युरेल्स के माध्यम से माँ नर्मदा की गाथा का चित्रण भी किया जाएगा।

संध्या आरती के लिए पाँच भव्य मंच बनेंगे

यहाँ पर संध्या आरती के लिए स्थान निश्चित किया गया है। संध्या आरती के लिए पाँच भव्य मंच निर्मित किए जाएंगे। ये मंच श्रद्धालुओं को दिव्य और अलौकिक अनुभूति प्रदान करेंगे। आरती स्थल के सामने अधिक श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की जाएगी।

पंडितों के बैठने की अलग व्यवस्था

श्री सिंह ने बताया चैनल के समीप धार्मिक अनुष्ठानों के लिए तीर्थ पुरोहितों के बैठने के लिए स्थान निर्धारित किया जा रहा है। यहीं पीछे की ओर सिद्ध घाट से जिलहरी घाट की तरफ  आ रहे मार्ग पर भी पूजन सामग्री की दुकानों के लिए जगह उपलब्ध कराई जा रही है। यहीं पर निर्माल्य विसर्जन के लिए जल कुंड निर्धारित किया गया है।

7 सौ कार, 9 सौ दोपहिया की क्षमता वाली बनेंगी 5 पार्किंग

श्री सिंह ने बताया कि श्रद्धालुओं और पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए, घाटों के समीप ही पाँच स्थानों पर पृथक से सुव्यवस्थित पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी । इन पाँच पार्किंग स्थल के अंतर्गत लगभग 900 टू व्हीलर एवं 700 फोर व्हीलर के पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी। गौरीघाट पर वाहनों का प्रवेश निषेध होगा। वृद्ध एवं दिव्यांग व्यक्तियों की सुविधा के लिए ई-कार्ट भी चलाई जाएगी। यह मार्ग आपातकालीन परिस्थितियों में उपयोगी सिद्ध होगा।
माँ नर्मदा घाटों के इस विकास कार्य में पर्यावरण संरक्षण, रात्रिकालीन सुरक्षा, सुन्दरता, एलईडी लाइटें, घाटों पर अंडरग्राउंड ड्रेनेज की व्यवस्था की गई है।
घाटों पर एंटी स्किड पत्थरों का उपयोग किया जाएगा। इनकी सफाई के लिए वॉटर जेट भी लगाए जाएंगे।
श्री सिंह ने बताया गौरीघाट मुक्तिधाम को अत्यंत व्यवस्थित मोक्षधाम का  स्वरूप देने की कल्पना को साकार करने की योजना भी तैयार की जा रही हैं,  और घाटों के विकास के साथ ही व्यवस्थित मोक्षधाम के निर्माण कार्य भी होगा।
पत्रकार वार्ता में राज्यसभा सांसद सुमित्रा वाल्मीकि, महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक अशोक रोहाणी, सुशील तिवारी इंदु, नीरज सिंह, संतोष बरकडे, महानगर अध्यक्ष रत्नेश सोनकर, ग्रामीण अध्यक्ष राजकुमार पटेल, जिप अध्यक्ष आशा गोंटिया, एमपीआरडीसी के प्रबंधक निदेशक भरत यादव उपस्थित थे।

 

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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