
जबलपुर (जय लोक)। दिनांक 31/07/2025 को रांझी निवासी आकांछा तिवारी ने जहर का सेवन करके आत्महत्या का प्रयास किया, जिसके पति अशोक तिवारी ने इलाज हेतु जिला अस्पताल विक्टोरिया में भर्ती कराया था। दिनांक 2 अगस्त को आकांक्षातिवारी उपचार के दौरान मृत्यु हो गयी ।जिसके पुलिस ने मायके वालों के बयान के आधार पर पति अशोक तिवारी के विरुद्ध भारतीय न्याय सहिंता की धारा108 के अंतर्गत आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराधपंजीबद्ध करके न्यायायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया।आरोपी के अधिवक्ता मुकुन्द पांडे और श्रवण पांडे ने तृतीय अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष तर्क प्रस्तुत करके न्यायालय को बताया कि मृतिका 2दिन तक इलाज के दौरान जीवित थी और होशो हवास में थी,फिर भी पुलिस प्रशासन ने गंभीर लापरवाही बरतते हुए मृतकाके मृत्यु पूर्व बयान दर्ज ही नहीं किए और ना ही परिजनों के बयान दर्ज किए, साक्ष्य अधिनियम के अंतर्गत मृत व्यक्ति केबयान बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, जिसके पश्चात ही आगे की विवेचना होती है ।
शादी के 14 साल होने के बाद भी पूर्व में कोई शिकायत नही की गई थी। न्यायालय ने पुलिस इस गंभीर लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पुलिस को विक्टोरिया अस्पताल और मेडिकल अस्पताल की इलाज की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश पुलिस को दिए। न्यायालय ने विक्टोरिया अस्पताल की इलाज रिपोर्ट को देखने के पश्चात पाया कि विक्टोरिया अस्पताल जबलपुर की शीट में मृतिका के हस्ताक्षर थे, जिससे इस बात की पुष्टि होती है कि मृतिका उक्त दिनांक तक जीवीत एवं बयान देने में सक्षम थी, फिर भी पुलिस ने मृत्युकालीन कथन नहीं किये । पुलिस की इस गंभीर लापरवाही पर नाराजगी व्यक्त करते हुए पति को जमानत का लाभ प्रदान कर दिया ।

भुल्लर की भूल भुलैया, 50 से ज्यादा संपत्तियाँ लॉकर की चाबियाँ मिलीं
Author: Jai Lok







