जबलपुर (जयलोक)। मानेगांव तिलवारा में रेत-गिट्टी के दामों को लेकर क्रेशर मालिकों और ट्रासपोर्टरों के बीच जमकर विवाद हुआ। जिसका नतीजा यह हुआ कि ट्रांसपोर्ट कारोबारी कल से हड़ताल पर चले गए हैं। आज उनकी हड़ताल का दूसरा दिन है। ट्रासंपोर्ट कारोबारियों ने ट्रकों के पहिए जाम कर दिए हैं। वहीं ट्रांसपोर्ट कारोबारियों का आरोप है कि क्रेशर मालिक जिनके पास खुद की गाडिय़ां हैं वे अनुचित दाम पर बाजार में माल विक्रय कर रहे हैं। जिसके कारण लोकल ट्रक यूनियन के सदस्य अपने अपने वाहन चलाने में असमर्थ हैं। नर्मदा लोकल ट्रक यूनियन के सदस्यों का कहना है कि वे भाड़े पर अपने वाहन चलाते हैं। विगत माह गिट्टी के रेट को क्रेशर मालिकों द्वारा बढ़ाया गया है, जिसमें अनुचित भाड़े के नाम पर डीजल का पैसा जोड़ लिया गया है। लोकल ट्रक यूनियन ने भाड़ा बढ़ाने का आग्रह भी किया। लेकिन क्रेशर मालिक इसके लिए तैयार नहीं हुए। जिसको देखते हुए नर्मदा लोकल ट्रक यूनियन ने यह फैसला लिया है कि जब तक बाजार में माल विक्रय का मूल्य तय नहीं होता तब तक ट्रकों के पहिए जाम रहेंगे।
ऐसे उपजा विवाद –
कहा जा रहा है कि अवैध परिवहन को रोकने के लिए खनिज विभाग ने मनेरी में ई चैक पोस्ट लगाया। जहां से खनिज लेकर निकलने वाले वाहनों की गिनती हो सके। लेकिन गिनती शुरू हुई तो अवैध परिवहन सामने आ गया। दूसरी ओर चैक पोस्ट से बचने के लिए ट्रक संचालकों ने नंबर प्लेट पर ग्रीस तक लगाया। लेकिन गेट में लगे कैमरों ने उनकी पहचान कर ली। जिसके बाद हर गाड़ी की रायल्टी और गिनती का रिकार्ड सामने आ गया। यह मामला सामने आते ही ट्रक संचालकों और के्रशर मालिकों के बीच विवाद शुरू हो गया। ट्रक एसोसिएशन ने एक खनिज एक दाम की मांग रखी जिस पर के्रशर संचालकों ने सहमति नहीं जताई। जिसके बाद नाराज ट्रक चालक विरोध पर उतर आए और हड़ताल शुरू कर दी।
