
जबलपुर (जयलोक)। शुभ मोटर्स में काम करने वाले कर्मचारियों का ईमान डोला और उन्होंने फर्म के दो खातों से करीब एक करोड़ की राशि की ठगी करते हुए यह राशि अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी। शिकायत के बाद कर्मचारियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया और आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। वहीं आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपनी जमानत को लेकर याचिका दायर की थी जिसमें कोर्ट ने प्रस्तुत किए गए दस्तावेज देखते हुए आरोपियों की जमानत याचिका को रद्द कर दिया है।

शुभ मोटर्स में ही काम करने वाली कर्मचारी मुस्कान उर्फ नसीम बानो इस ठगी की मास्टर माइंड निकली। इसी महिला कर्मचारी के कहने पर ही फर्म में काम करने वाली नेहा और संदीप ने फर्म के दो खातों से राशि मुस्कान के रिश्तेदारों के खाते में ट्रांसफर की थी। इस बात का खुलासा फर्म के भावेश शाह और श्री शुक्ला की जाँच में सामने आया।
जिसके बाद इसकी शिकायत मदन महल थाने में दर्ज कराई गई। मामला हाईप्रोफाईल होने के कारण पुलिस अधिकारियों ने पूरी जाँच पर अपनी निगरानी रखी। इसी बीच फर्म से एक करोड़ की ठगी करने वाली मुस्कान, इसरार अहमद, उसका भाई और पिता पर मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया है। अब तक इस मामले मं 6 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। आरोपियों ने हाईकोर्ट में अपनी जमानत को लेकर याचिका दायर की। जिसमें शुभ मोटर्स फर्म की ओर से अधिवक्ता मनोज वर्मा और काजी फखरूद्दीन ने अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता मनोज वर्मा और काजी फखरूद्दीन ने कोर्ट के समक्ष ठगी के पूरे दस्तावेज प्रस्तुत किए।

साथ ही हाईकोर्ट को यह भी बताया कि जमानत मिलते ही आरोपी पूरी जाँच को प्रभावित और सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं। साक्ष्यों को देखते हुए जस्टिस एके पालीवाल ने मुस्कान उर्फ नसीम बानो, इसरार अहमद सहित उसके पिता की जमानत याचिका रद्द कर दी है।
44 खातों में ट्रांसफर की गई थी राशि -शुभ मोटर्स के एसबीआई और एक्सिस बैंक के खातों से मुस्कान ने बड़ी चालाकी से अपने रिश्तदारों सहित 44 अलग अलग लोगों के खातों में यह राशि ट्रांसफर कराई थी। इसके पूर्व मुस्कान ने फर्म से काम छोड़ दिया था। लेकिन यहां कार्यरत दो कर्मचारियों के संपर्क में वह बनी हुई थी। साजिश रचते हुए मुस्कान उर्फ नसीम ने बड़ी चालाकी से कार्यरत कर्मचारियों को झांसे में लिया और लाखों की राशि अपने और अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर कर दी।
Author: Jai Lok







