4.50 प्रतिशत धान हुई गीली,78 प्रतिशत पूर्णत सुरक्षित, धूप में सुखाकर अपग्रेड कर ली जाएगी अधिकांश गीली धान
जबलपुर (जय लोक)। जिले में उपार्जित धान के बारिश से प्रभावित होने के संबंध में जिला प्रशासन ने वस्तुस्थिति के बारे में जानकारी साझा करते हुए बताया कि जबलपुर जिले में बारिश के कारण प्रभावित धान के बारे में उपार्जन केन्द्रों की जाँच कर जानकारी संकलित की गई है। पाया गया कि कुल 2,06,000 मेट्रिक टन उपार्जित धान में से 9300 मेट्रिक टन धान (4.50प्रतिशत) बारिश की वजह से गीली हुई है। 1,60,000 मेट्रिक टन (78प्रतिशत) धान पूरी तरह से सुरक्षित रूप से भंडारित है। इसके अलावा लगभग 23000 मेट्रिक टन धान किसानों द्वारा विक्रय हेतू उपार्जन केन्द्र के परिसर में लाकर रखी हुई थी। उक्त में से अनुमानित 650 किसानों की 5200 मेट्रिक टन धान बारिश की वजह से गीली हुई है।
जबलपुर में आज दोपहर बाद से मौसम ठीक है और भीगी हुई धान को धूप में सुखाकर अपग्रेड करने का कार्य जारी है। बारिश की वजह से धान में हुई वास्तविक क्षति का आकलन अपग्रेड की कारवाई पूर्ण होने पर किया जा सकेगा। निरीक्षणकर्ता अधिकारियों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार बारिश के कारण भीगी धान में से अधिकांश मात्रा धूप में सुखाकर अपग्रेड कर ली जायेगी।
कतिपय उपार्जन केन्द्रों पर मामूली नुकसानी की संभावना है। जिसके लिये जि़म्मेदार समितियों एवं अधिकारी कर्मचारियों के विरूद्ध कारवाई की जायेगी। समस्त अधिकारी कर्मचारियों को बारिश के कारण गीली धान को सुखाकर अपग्रेड कराने की कारवाई युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिये गये हैं।
जहाँ क्षति हुई है वहाँ उपार्जन संस्था से की जाएगी वसूली
कलेक्टर दीपक सक्सेना ने जारी निर्देशों में कहा है कि जिन किसानों से एफएक्यू धान खऱीद ली गई है,उन्हें चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि उक्त किसानों को पूरा भुगतान सुनिश्चित किया जायेगा यदि धान में क्षति हुई होगी तो उसकी वसूली संबंधित उपार्जन संस्था से की जायेगी।