नई दिल्ली (जयलोक)। नासा ने सिटी किलर एस्टेरॉयड को लेकर फाइनल वार्निंग जारी कर दी है. स्पेस एजेंसी के वैज्ञानिकों ने जोखिम गलियारे के नक्शे का खुलासा किया है जहां क्षुद्रग्रह ङ्घक्र४ की टक्कर का खतरा सबसे ज्यादा है. कुल 9 देश ऐसे हैं, जहां पर यह आसमानी पत्थर गिर सकता है.
डेविड रैंकिन ने बनाया नक्शा
नासा के कैटालिना स्काई सर्वे प्रोजेक्ट के एक इंजीनियर डेविड रैंकिन ने एक जोखिम गलियारे का खाका खींचा है, जिसमें वह चैनल दिखाया गया है जहां क्षुद्रग्रह गिर सकता है. उनकी गणना से पता चलता है कि यह दक्षिण अमेरिका के शीर्ष से लेकर प्रशांत महासागर, दक्षिणी एशिया, अरब सागर और अफ्रीका के बीच कहीं गिरेगा।
फायरिंग लाइन में हैं भारत और पाकिस्तान
संभावित फायरिंग लाइन में भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, इथियोपिया, सूडान, नाइजीरिया, वेनेजुएला, कोलंबिया और इक्वाडोर शामिल हैं. हालांकि इन देशों के निवासियों को अभी घबराने की जरूरत नहीं है टकराव की संभावना अभी भी बहुत कम है।
100 परमाणु बम जितना विनाश
खगोलविदों का कहना है कि यह 40 से 100 मीटर चौड़ा है, और पृथ्वी की पपड़ी में एक शहर के आकार का गड्ढा बना देगा. यह वायुमंडल को 38,000 मील प्रति घंटे की रफ्तार से चीर सकता है और 100 परमाणु बमों से भी ज्यादा तबाही मचा सकता है. यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (श्वस््र) के अनुमानों से पता चलता है कि यह आसमानी पत्थर 2032 में क्रिसमस के समय पृथ्वी की कक्षा से टकरा सकता है. विशेष रूप से बुधवार, 22 दिसंबर को सुबह 8.52 बजे. दुनिया भर के देशों की एजेंसियां जरूरत पडऩे पर क्षुद्रग्रह को मोडऩे की तैयारी में ग्रह रक्षा कार्यक्रम तैयार कर रही हैं. चीन इसके लिए वैज्ञानिकों की टीम बना रहा है जिसे प्लैनेट डिफेंडर्स का नाम दिया गया है. वहीं नासा परमाणु बम, राकेट और लेजर जैसे विकल्पों के सहारे इसे नष्ट करने या रास्ता बदलने के सभी तरीकों पर विचार कर रहा है।
