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नगर अध्यक्ष के निर्णय पर दिल्ली की मोहर अनिवार्य हुई, प्रदेश से भेजे जाएंगे जिलों के नाम के पैनल, आगे बढ़ सकती है घोषणा की तारीख

जबलपुर (जय लोक)। भारतीय जनता पार्टी के संगठन चुनाव अब पूरे शबाब पर हंै। 31 दिसंबर की तारीख घोषणा के लिये तय करके प्रदेश संगठन उसके अनुसार कार्य कर रहा था, लेकिन अब इस दिशा में नया मोड़ आया है। प्रदेश भाजपा से जुड़े सूत्रों का कहना है कि अब भाजपा के जिला अध्यक्षों के चयन की अनुमति दिल्ली से लेना अनिवार्य किया गया है। साथ ही यह भी तय किया गया है कि जिलों में हुई रायशुमारी के बाद जो नाम प्रदेश संगठन के पास पहुंचे हैं, उन नाम में से प्रदेश संगठन अपने स्तर पर चर्चा कर हर जिले के हिसाब से नया नाम का पैनल बनाकर दिल्ली भेजेगा और जिला अध्यक्षों की अंतिम स्वीकृृति वहां से प्राप्त होगी इसके बाद प्रदेश स्तर से इसकी घोषणा की जाएगी। पूरी प्रक्रिया में तीन-चार दिन का और समय लग सकता है और जिला अध्यक्षों की घोषणा संभावित रूप से 4 या 5 जनवरी को हो सकती है।

भोपाल में नेताओं का डेरा

जिला अध्यक्ष पद पर दावेदारी कर रहे भाजपा नेताओं का डेरा इन दिनों भोपाल में है। महिला पुरुष सभी नेता संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारी से रूबरू मिलकर अपनी दावेदारी को प्रभावी ढंग से पेश करने के प्रयास में लगे हुए हैं। इस निर्णय के बाद से यह भी माना जा रहा है कि ऐसे भाजपा नेता जो सीधे रूप से दिल्ली में बहुत अधिक संबंध नहीं रखते और बड़े नेताओं के चहेते नहीं है वह इस दौड़ से स्वत: बाहर माने जाएंगे।

पैनल में बने रहने के लिए मापदंड पर खरा उतरना होगा

प्रदेश कार्यालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने चयन की प्रक्रिया को एक नजर में आसान बनाने के लिए एक नया फॉर्मेट तैयार किया है। इस फॉर्मेट में जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों से संबंधित सारे मापदंड शामिल किए गए हैं जिसे भरना अनिवार्य है।
इसमें एकत्रित की जाने वाली जानकारी से दावेदार की स्थिति स्पष्ट होगी कि उनकी दावेदारी में कितना दाम है। इस फॉर्मेट में दावेदारी कर रहे नेताओं को अपनी जाति, अपना वर्ग सहित सामान्य नाम पता की जानकारी, आयु, जन्मतिथि के अलावा जाति, शिक्षा के साथ पूर्व में निभाए गए संगठन की जिम्मेदारियाँ एवं दायित्व, चुनाव में किया गया कार्य दी गई जिम्मेदारियाँ का भी उल्लेख करना होगा। इसी प्रकार इस बात का भी उल्लेख करना होगा कि उनके खिलाफ कभी पार्टी ने अनुशासनात्मक कार्यवाही की है या नहीं की है। इस प्रकार के मापदंडों को इसलिए निर्धारित करना बताया जा रहा है ताकि दावेदारों की दावेदारी को एक नजर में मापा जा सके।
दूसरी ओर भोपाल में जबलपुर के अलावा प्रदेश के अन्य नगरों से भी जिला अध्यक्ष पद के दावेदारों का आना जाना लगा हुआ है सभी का प्रयास है कि वह प्रदेश अध्यक्ष एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद एवं अन्य पदाधिकारी से भेंट कर अपने दावेदारी को मजबूती से पेश कर सकें।
दूसरी ओर जिले में भाजपा के कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच में अजीब प्रकार की सुगबुगाह बनी हुई है। सब अपने अपने स्तर पर अनुमान लगाने और कयास लगाकर चर्चित नाम का गुणा भाग जोडऩे में लगे हुए हैं। किसी का कहना है कि वर्तमान अध्यक्ष प्रभात साहू को रिपीट किया जाएगा। किसी का कहना है कि सदानंद गोडबोले, नंदकुमार यादव, संदीप जैन, पवन तिवारी पंकज दुबे, राजेश मिश्रा, कमलेश अग्रवाल कुछ ऐसे नाम हैं जिनमें से ही एक नाम नगर अध्यक्ष के लिए अंतिम रूप से घोषित होगा। भाजपा का एक वर्ग अभी मान रहा है कि इस बार संगठन कुछ नया धमाका करेगा और किसी महिला नेत्री को भी जिला अध्यक्ष पद पर जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। अनुसूचित जाति से भी नया नाम निकलकर सामने आ सकता है। जातिगत समीकरण का निर्णय लेने का काम प्रदेश संगठन दिल्ली की अनुमति प्राप्त कर करेगा।
भाजपा हर एंगल पर फोकस करके काम कर रही है महिलाओं को भी अग्रणी भूमिका में बनाए रखना है युवाओं को भी आगे लाना है और वरिष्ठों को नजरअंदाज भी नहीं करना है। इसके साथ ही जाति का समीकरण स्थानीय समीकरण और राजनीतिक प्रभाव सभी के बीच में समन्वय स्थापित करने का कार्य किया जाना है।

Jai Lok
Author: Jai Lok

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