नई दिल्ली (जयलोक)। भारत में ड्रग्स, हथियार और गोला-बारूद से लदे ड्रोन भेजने के लिए पाकिस्तान का लाहौर लॉन्चपैड के रूप में काम करता है। सूत्रों के मुताबिक बीएसएफ की ड्रोन फोरेंसिक लैब ने पाया है कि सबसे ज्यादा 184 ड्रोन लाहौर से आए। यह शहर सडक़ मार्ग से करीब 33 किलोमीटर दूर है, लेकिन हवाई मार्ग से भारत-पाकिस्तान सीमा के काफी नजदीक है।
वहीं, नरोवाल से 42 ड्रोन लॉन्च किए गए हैं। यह लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर है। दूसरे शहरों में ओकारा, बहावलनगर और पाकिस्तान का टोबा टेक सिंह शामिल है। बीएसएफ ने जो डेटा एकत्र किया है, उससे पता चला है कि भारत-पाकिस्तान सीमा के पास के शहर ज्यादा सक्रिय हैं। आंकड़ों के मुताबिक पंजाब पुलिस ने 20, दिल्ली ने 2 और मणिपुर ने 1 ड्रोन पकड़ा है। इनमें से ज्यादातर ड्रोन बीएसएफ ने पकड़े हैं, जबकि राज्य पुलिस ने बहुत कम योगदान दिया है। वहीं, दिल्ली फॉरेंसिक लैब को 2022 से 2025 तक कुल 307 ड्रोन मिले हैं।
भारत-पाकिस्तान सीमा पर इस साल 257 ड्रोन बरामद किए गए हैं अब तक के सबसे बड़े आंकड़े और घुसपैठ की कोशिशों में इजाफे की आशंका को देखते हुए बीएसएफ ने अवैध ड्रोन से निपटने के लिए एंटी-ड्रोन सिस्टम लगाया हैं। घुसपैठ रोधी भूमिका में अतिरिक्त बटालियन को शामिल किया है ताकि जम्मू फ्रंटियर के अंदरूनी इलाकों में नियंत्रण बनाए रखा जा सके। बीएसएफ की तरफ से उठाए गए इस कदम के बारे में जानकारी दी गई है कि सीमा की सुरक्षा के लिए नए डिजाइन के फेंस का प्रस्ताव है। बॉर्डर पर बेहतर निगरानी के लिए संवेदनशील जगहों पर सीसीटीवी/पीटीजेड और बुलेट कैमरे लगाए गए हैं। अंदरूनी इलाकों में मजबूत नियंत्रण बनाए रखने के लिए घुसपैठ विरोधी भूमिका में दो अतिरिक्त बटालियन को शामिल किया है। रिलीज में आगे कहा गया कि कमांड एंड कंट्रोल सेंटर और सर्विलांस ग्रिड लगाकर खाली जगहों को कवर किया जा रहा है। सभी सहयोगी एजेंसियों के साथ घनिष्ठ संपर्क स्थापित किया है और संयुक्त अभियान चलाए जा रहे हैं।
