जबलपुर (जय लोक)। रांझी थाना अंतर्गत फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर शासकीय सेवा में प्रवेश करने के मामले में पाँच लोगों के खिलाफ कलेक्टर के आदेश के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। इस मामले में फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनाकर शासकीय सेवा करने का मामला प्रकाश में आया था। जानकारी कलेक्टर दीपक सक्सेना तक पहुँची जिसके बाद दीपक सक्सेना ने जाँच के बाद एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) राँझी जबलपुर की जाँच रिपोर्ट के आधार पर पाँच आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी, जालसाजी और आपराधिक षड्यंत्र सहित अन्य धाराओं में मामला दर्ज किया गया है।
जाँच में यह बात सामने आई कि मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह ने फर्जी दस्तावेज के आधार पर जाति प्रमाण पत्र बनवाया था और शासकीय सेवा प्राप्त की। इस कार्य में लोक सेवा केन्द्र के संचालक और ऑपरेटर अर्चना दाहिया ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाने में सहयोग किया।
इसके लिए तीनों शासकीय सेवकों ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र बनवाने के लिए गलत समग्र आईडी, फर्जी निवास प्रमाण पत्र और अन्य फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत किए थे। लोक सेवा केन्द्र के संचालक और ऑपरेटर ने बिना जाँच पड़ताल के प्रमाण पत्र जारी कर दिया। लेकिन यह मामला उस समय उजागर हुआ जब अनुविभागीय अधिकारी न्यायालय की दायर पंजी में इनका कोई रिकार्ड दर्ज नहीं मिला। आशंका जाहिर की जा रही है कि मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह ने सरकारी दस्तावेजों को नष्ट कर दिया था।
जिसके बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश के बाद मुकेश बर्मन, दिलीप कुमार, सूरज सिंह के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता (भादंवि) की धारा 420, 467, 468, 471, 34 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। अनुविभागीय दंडाधिकारी रघुवीर सिंह मरावी की जाँच रिपोर्ट के बाद पुलिस ने रांझी थाना में आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जाँच शुरू कर दी है। पुलिस अब यह भी जाँच कर रही है कि और कितने जाति प्रमाण पत्र इसी तरह फर्जी तरीके से जारी किए गए। जल्द ही आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जाएगी।
