जबलपुर (जय लोक)
प्रदेश में पहली बार जबलपुर ऐसा जिला बना जहां प्रशासन की ओर से निजी स्कूलों पुस्तक विक्रेताओं और प्रकाशकों का सिंडिकेट तोडऩे के लिए पुस्तक मेले का आयोजन किया गया। लोकसभा चुनाव की व्यवस्था के बीच में भी जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने इस बड़े आयोजन के लिए हिम्मत दिखाई और इस छह दिवसीय पुस्तक मेले को अभिभावकों ने हाथों-हाथ लिया और इसे सफल भी बनाया। पहली बार इस सोच की परिकल्पना को मैदान में उतारने में कुछ विलंब हुआ, कुछ पुस्तकें नहीं भी मिल पाई और कुछ अन्य बिंदुओं पर परेशानी भी नजर आई। कलेक्टर दीपक सक्सेना का कहना है कि पहली बार जिस उद्देश्य से यह पुस्तक मेला आयोजित किया गया वह उद्देश्य सफल रहा। हमारा पहला लक्ष्य था कि निजी स्कूलों, प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं के सिंडिकेट को तोड़ा जाए और परेशान हो रहे बच्चों और उनके अभिभावकों को तत्काल कॉपी किताबें मिल सकें। हमारा यह लक्ष्य सफल रहा और मेले में दिखे अभिभावकों के रुझान और समर्थन ने इस पुस्तक मेले को सफल बनाया। अगले वर्ष से आयोजित होने वाला पुस्तक मेला समय पर लगेगा और सभी सुविधाओं, सभी कॉपी- किताबों, स्टेशनरी, यूनिफार्म के साथ अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने कहा कि अब हमारा अगला कार्य इस सिंडिकेट को संचालित करने वाले निजी स्कूलों, प्रकाशकों और पुस्तक विक्रेताओं की भूमिका और उनके खिलाफ दर्ज किए गए प्रकरणों की सुनवाई करना होगा। कलेक्टर ने बताया कि अभी तक की प्रक्रिया में अभिभावकों के माध्यम से जो शिकायतें आई थी और तकरीबन 75 स्कूलों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर जाँच की जा रही थी उनमें से अधिकांश की जांच रिपोर्ट आ चुकी है।कलेक्टर सक्सेना ने कहा कि हमने पूर्व में ही यह निर्धारित कर लिया था कि इस पूरे मामले की खुली सुनवाई की जाएगी। खुली सुनवाई में सभी को अपनी बात रखने का मौका दिया जाएगा जिसमें निजी स्कूल प्रकाशक और पुस्तक विक्रेता भी शामिल होंगे एवं अभिभावक भी अपनी बात और शिकायत रखने के लिए स्वतंत्र होंगे। कलेक्टर दीपक सक्सेना ने स्पष्ट रूप से कहा है कि सिंडिकेट को संचालित करने में जिसकी भी भूमिका षड्यंत्रकारी आपराधिक कृत्य वाली पाई जाएगी वह चाहे जो भी व्यक्ति हो उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
