
जबलपुर (जय लोक)। प्रदेश के जबलपुर में आदिवासी जमीन खरीद फरोख्त के मामले में पत्रकार गंगा पाठक और उनकी पत्नी ममता पाठक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है। राज्य सरकार की ओर से दर्ज कराए गए मुकदमे के खिलाफ हाई कोर्ट में जमानत याचिका तथा अन्य याचिका प्रस्तुत की गई थी। हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई गई, जहां से जस्टिस एम एम सुंद्रेश तथा जस्टिस विनोद चंद्रन की युगल पीठ ने गिरफ्तारी पर रोक जैसी अंतरिम राहत प्रदान करते हुए राज्य सरकार को नोटिस देकर जवाब मांगा है कि क्रेता पर एफआईआर क्यों की गई?
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट मनीष क्षीरसागर और रवि शंकर यादव ने कहा कि आवेदक द्वारा जमीन को जिस समय क्रय किया गया था, वह सामान्य में दर्ज थी और आवेदक सिर्फ क्रेता है। उन्होंने रकम देकर जमीन को खरीदा है। नामांतरण करवाने की प्रक्रिया के दौरान यह बात सामने आई कि जमीन आदिवासी की है। इसके बाद विक्रेता द्वारा जमीन को शून्य करने का आवेदन दिया गया लेकिन उनके खिलाफ ही एफआईआर करवाने की कार्रवाई कर दी गई। प्रथमदृष्टया मामले में अंतरिम राहत देते हुए राज्य सरकार से जवाब-तलब किया गया है।


Author: Jai Lok
