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मुंबई और चेन्नई में सीबीआई की छापेमारी

800 करोड़ का भ्रष्टाचार, जेएनपीए के पूर्व मुख्य

प्रबंधक समेत चार पर एफआईआर

मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने खुलासा किया है कि जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह प्राधिकरण (जेएनपीए) के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक, निजी व्यक्तियों और संस्थाओं ने 800 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार किया है। इस मामले में संबंधित लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार और वित्तीय धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में पांच जगहों पर छापेमारी कर कार्रवाई भी की है। जेएनपीए के तत्कालीन मुख्य प्रबंधक सुनील कुमार मडभवी (पीपी डब्ल्यूडी), टीसीई के परियोजना निदेशक देवदत्त बोस, मेसर्स टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (मुंबई), मेसर्स बोसकलीस्मीट इंडिया (मुंबई) और मेसर्स जान दे नुल ड्रेजिंग (चेन्नई) और अन्य अज्ञात आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जेएनपीए के तत्कालीन अधिकारियों और दो निजी कंपनियों ने अपराध की साजिश रची थी। इसमें दो कंपनियां भी शामिल थीं। सीबीआई ने इस मामले में जून 2022 में प्रारंभिक जांच शुरू की थी। शिकायत के अनुसार, आरोपी कंपनियों को न्हावा शेवा में जेएनपीटी में जहाजों के लिए मार्ग की गहराई बढ़ाने का ठेका दिया गया था। इस परियोजना के लिए एक निजी परामर्श कंपनी को परियोजना प्रबंधन सलाहकार नियुक्त किया गया था।

झूठे दावों के आधार पर भुगतान की गई राशि
परियोजना के चरण-1 में, मार्ग की गहराई बढ़ाई गई और गाद निकाली गई। इस दौरान झूठे दावों के आधार पर 365.9 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया था। पहले चरण में, यह काम 2010 से 2014 के बीच और दूसरे चरण में 2012 से 2019 के बीच किया जाना दिखाया गया था। दोनों चरणों में 2012 से 2014 के बीच रखरखाव की अवधि समान थी। फिर भी, उस अवधि के दौरान 438 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि का भुगतान किया गया था। इससे, सीबीआई जांच में यह स्पष्ट हो गया है कि बड़ी मात्रा में धन का भुगतान किया गया था, जबकि वास्तव में पहले चरण में कोई अतिरिक्त खुदाई या गाद हटाने का काम नहीं किया गया था। इस मामले में गहन जांच चल रही है।

कुछ और लोग रडार पर
इस मामले में सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में पांच जगहों पर छापेमारी की। इनमें जेएनपीए के एक अधिकारी का घर, एक कंसल्टिंग कंपनी का दफ्तर और निजी कंपनियों के दफ्तर शामिल हैं। इन छापों में कैपिटल ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़े दस्तावेज, डिजिटल उपकरण और सरकारी अधिकारियों द्वारा किए गए निवेश के सबूत जब्त किए गए। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है। कुछ और लोग भी सीबीआई के रडार पर हैं और सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि सीबीआई जांच में क्या खुलासा होता है।

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Jai Lok
Author: Jai Lok

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