लोकसभा में सांसद दुबे के प्रशनों में मंत्री जयंत चौधरी ने दी विस्तृत जानकारी
जबलपुर (जय लोक)। जिले में प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पी.एम.के. वी.वाई.) के तहत पिछले लगभग 09 वर्षों में 75762 उम्मीदवारों को प्रशिक्षित किया जा चुका है। इसी तरह राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना (एन.ए.पी.एस.) के तहत पिछले लगभग सवा चार वर्षों में 7978 और शिल्पकार प्रशिक्षण योजना (सी.टी.एस.) के तहत 17516 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण मिल चुका है।
जिले में पात्र उम्मीदवारों को प्रशिक्षण देने के लिए पी.एम.के.वी.वाई. के 79 प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना की जा चुकी है,वहीं एन.ए.पी.एस. के तहत प्रशिक्षण देने के लिए 112 प्रशिक्षण केंद्र कार्यरत हैं। इसी तरह सी.टी.एस. (आई.टी.आई.) के तहत 38 प्रशिक्षण केंद्र जबलपुर जिले में काम कर रहे हैं। यह जानकारी सोमवार को केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी ने जबलपुर संसदीय क्षेत्र के सांसद आशीष दुबे के लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाये गए तारांकित प्रश्न के उत्तर में दी। सांसद श्री दुबे ने जानना चाहा था कि जबलपुर में कौशल विकास की संभावनाओं के तहत केंद्र सरकार द्वारा किस तरह की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं एवं भविष्य में इस दिशा में केंद्र सरकार क्या कदम उठाने जा रही है। विभागीय मंत्री जयंत चौधरी ने सांसद श्री दुबे के प्रश्न के उत्तर में बताया कि शिक्षा और कौशल के विभिन्न रूपों में प्रगति और गतिशीलता का मार्ग सुनिश्चित करने के लिये राज्य एकीकृत और समग्र प्रकार से व्यवसायिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिये कौशल विश्वविद्यालय स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारत सरकार के कौशल विकास मिशन के अंतगज़्त कौशल विकास केंद्रों के व्यापक नेटवर्क के माध्यम से विभिन्न तरह के प्रशिक्षण प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना, जन शिक्षण संस्थान, राष्ट्रीय प्रशिक्षुता संवर्धन योजना, शिल्पकार प्रशिक्षण योजना के तहत औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों के माध्यम से मध्यप्रदेश सहित देश के अनेक जिलों में प्रदान किये जा रहे हैं जिसमें जबलपुर भी शामिल है।
